सिमडेगा/डेस्क: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान के तहत सिमडेगा संत मेरिज हाई स्कूल में सिमडेगा स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की गई .
सबसे पहले एसपी, डीडीसी और सिविल सर्जन आदि ने दवा खाकर अभियान की शुरुआत की ।मौके पर जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि कृमिनाशक एक ऐसा पदार्थ है जो जठरांत्रीय कृमियों को बाहर निकालता है या नष्ट करता है. इसका अधिक सामान्य नाम डीवॉर्मर या "वर्मर" है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक वर्ष से 19 वर्ष के 149000 से अधिक बच्चों को कृमि मुक्ति दवा खिलाने का कार्य किया जाएगा ताकि सिमडेगा जिला में कृमि मुक्ति जिला बनाया जा सके.
डीडीसी संदीप कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई एक पहल है. जो भारत में बच्चों में परजीवी कृमि संक्रमण के चक्र को तोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. परजीवी कृमि संक्रमण, विशेष रूप से मृदा-संचारित कृमि के व्यापक मुद्दे से निपटने के लिए इसकी अवधारणा बनाई गई थी, जो देश भर में लाखों बच्चों को प्रभावित करती है. यह कार्यक्रम मुख्य रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले बच्चों को लक्षित करता है, क्योंकि वे अपनी जीवनशैली और पर्यावरण के कारण कृमि संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. उन्होंने जिले वासियों से अपील की है कि सभी 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के लोग कृमिनाशक दवा जरूर खाएं और जिले को कृमि मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान दें.
मौके पर एसपी सौरभ ने कहा कि जैसे-जैसे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन होता जा रहा है, कृमि संक्रमण के चक्र को तोड़ने और भारत में हर बच्चे के लिए एक उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आइए हम हाथ मिलाएँ और राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस में सक्रिय रूप से भाग लें, और अपने देश की सबसे कीमती संपत्ति हमारे बच्चों की भलाई में योगदान दें