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रांची/डेस्क: झारखंड सरकार द्वारा संचालित मंईयां सम्मान योजना गरीब महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अंतर्गत 53 लाख से भी अधिक महिलाओं को पहली, दूसरी और तीसरी किस्त का भुगतान झारखंड सरकार करती है. जल्द ही योजना की चौथी किश्त की राशि छठ पूजा से पहले दी जानी है. इसी बीच राज्य सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के नियमों में बदलाव कर दिया है. मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत उन महिलाओं और बेटियों को लाभ दिया जाएगा, जो सरकार द्वारा निर्धारित विशेष नियम एवं शर्तों का पालन करती है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं Maiya Samman Yojana Rules से संबंधित संपूर्ण जानकारी.
राज्य की 53 लाख से भी अधिक महिलाओं को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत राज्य की 53 लाख से भी अधिक महिलाओं को लाभ मिल रहा है. वहीं जल्द 57 लाख से भी अधिक महिलाओं को लाभ मिलना शुरू होगा. मंईयां सम्मान योजना से प्रतिमाह 1000 रुपए की किस्त महिलाओं को प्रदान की जा रही है. दिसंबर महीने से 2500 रुपए की किस्त प्राप्त होगी. आइए जानते हैं क्या हैं मंईयां सम्मान योजना के नियम.
मंईयां सम्मान योजना के नियम
- झारखंड राज्य की मूल निवासी महिलाएं और बेटियां मंईयां सम्मान योजना का लाभ पाने के लिए पात्र है.
- 18 से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं को इस योजना से लाभ मिलेगा.
- आवेदनकर्ता महिला का बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है.
- महिला के परिवार का सालाना आय 2.5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.
- महिला अगर राशन कार्ड धारक परिवार से संबंध रखती है तो वह इस योजना के लिए पात्र होगी.
- अगर महिला के घर का कोई सदय टैक्स का भुगतान नहीं करता है, या कोई सदस्य सरकारी नौकरी नहीं करता है तो वह इस योजना के लिए पात्र है.
क्यों नहीं मिल रहा लाभ
महिला के परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता का हिस्सा होने पर या महिला का बैंक खाता आधार से लिंक न होने के वजह से लाखों महिलाओं और बेटियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. लाभार्थी महिला के पास 4 पहिया वाला वाहन रहने के वजह से भी वह इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाती है.
- महिला के परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में कार्यरत होना.
- महिला के पास राशन कार्ड न होना.
- आवेदक महिला अन्य किसी पेंशन योजना से पहले से लाभ पाना.
- उपरोक्त कारणों से राज्य की लाखों महिलाएं मंईयां सम्मान योजना के लाभ से वंचित हो सकती हैं.