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रांची/डेस्क: पैसे चाहे 50,000 हो या 50 पैसे, कोई भी व्यक्ति किसी का पैसा नहीं मार सकता हैं. ऐसा ही एक मामला काफी चर्चा में है, जहां 50 पैसे के विवाद में चेन्नई के एक शख्स को 15,000 रुपये दिलाया गया हैं. यह मामला तब सामने आया जब चेन्नई के गरुगंबक्कम निवासी मानसा ने पोस्ट ऑफिस के खिलाफ 50 पैसे न लौटाने पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में केस दर्ज किया.
क्या है पूरा मामला?
दिसंबर 2023 में मानसा अपना लेटर पोस्ट करने के लिए पोलीचालूर पोस्ट ऑफिस गए थे. डाक शुल्क 29.50 रुपये था लेकिन उन्होंने 30 रुपये का भुगतान किया. उन्हें यह उम्मीद थी कि पोस्ट ऑफिस क्लर्क 50 पैसे वापस करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब मानसा ने पैसे मांगे, तो क्लर्क ने कहा कि सिस्टम राशि को 30 रुपये तक राउंड ऑफ कर देता है और 50 पैसे वापस नहीं दिए जा सकते. मानसा ने इस पर आपत्ति जताते हुए UPI से भुगतान करने की पेशकश की लेकिन पोस्ट ऑफिस ने तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर UPI से पैसे लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद मानसा ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर दी.
कोर्ट ने लिया फैसला
सुनवाई के दौरान मानसा ने यह तर्क दिया कि राउंड ऑफ की यह प्रथा सरकार को नुकसान पहुंचा सकती है और यह उपभोक्ता के अधिकारों का हनन हैं. पोस्ट ऑफिस ने अपनी दलील में यह कहा कि नवंबर 2023 से डिजिटल भुगतान में दिक्कत आ रही थी और मई 2024 में इसे बंद कर दिया गया था.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आयोग ने यह माना कि पोस्ट ऑफिस ने सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण अधिक पैसे लिए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(47) के तहत अनुचित व्यापार व्यवहार हैं. आयोग ने पोस्ट ऑफिस को 50 पैसे के बजाय मानसा को 15,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया.