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रांची/डेस्क: अक्सर नकली डॉक्टर वाले सीन्स हमने सिर्फ फिल्मों में देखा है पर क्या अपने कभी ऐसे मामले हकीकत में देखी हैं. यह मामला है एक महिला का, जहां बिना किसी डिग्री के वह मरीजों का इलाज कर रही थी.
जानें पूरा मामला
दरअसल, एक 19 वर्षीय लड़की क्रेउएना ज्द्राफकोवा, ने बिना किसी मेडिकल डिग्री के डॉक्टर बनने का नाटक करते हुए कई महीनों तक एक अस्पताल में मरीजों का इलाज किया हैं. सफेद कोट और गले में स्टेथोस्कोप के साथ वह लंदन के Ealing Hospital में जाती थी और खुद को डॉक्टर बताती थीं. उनकी आत्मविश्वास भरी पेशकश के कारण किसी को भी शक नहीं हुआ कि वह एक फर्जी डॉक्टर हैं. क्रेउएना मरीजों के परिवार वालों को सांत्वना देती थी और कभी-कभार दवाएं भी लिख देती थीं. हालांकि अस्पताल के स्टाफ ने उनके बार-बार आने पर संदेह जताना शुरू किया, जिसके बाद जांच की गई. पूछताछ में पता चला कि उन्होंने कभी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं लिया था.
फर्जी डॉक्टर बनने की वजह
क्रेउएना के वकील ने बताया है कि वह एक शरणार्थी है और अभाव के कारण चिकित्सा की पढ़ाई नहीं कर पाई. उनका सपना था कि वह डॉक्टर बनें और इसे पूरा करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया था. उन्हें 12 महीने की Probation और 15 दिनों की Rehabilitation की सजा सुनाई गई हैं. इसके साथ ह, उन्हें हेल्थ इमरजेंसी मामलों को छोड़कर किसी भी सरकारी अस्पताल में आने से प्रतिबंधित कर दिया गया हैं.