कृपा शंकर/न्यूज 11 भारत
बोकारो/डेस्क:- बोकारो परिसदन में स्थानीय मुद्दों को लेकर बुधवार को प्रशासन, बीएसएल प्रबंधन एवं जन प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त विजया जाधव ने किया. बैठक में बीएसएल प्लांट प्रबंधन द्वारा बीपी–डायबिटीज जैसे बीमारियों को लेकर ठेका श्रमिकों को काम से बैठा देने की बात सामने रखी गई. इस पर बीएसएल प्रबंधन ने बताया कि यह श्रमिकों के हित में लिया गया निर्णय है. श्रमिकों को हटाने की प्रबंधन की कोई मंशा नहीं है. प्रबंधन चाहता है कि कर्मी स्वास्थ्य होकर प्लांट आएं, उन्हें उपचार करने के लिए 28 दिनों का समय दिया जा रहा है. स्वास्थ्य होकर लौटने उन्हें पुनः काम पर रखा जाएगा. इस दौरान बीएसएल के ईडी पीएनए राजन प्रसाद, मानव संसाधन विभाग के हरी मोहन झा, झामुमो पार्टी जिलाध्यक्ष हीरा लाल मांझी, मंटू यादव, डीपीएलआर मेनका, अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी, परिवहन पदाधिकारी वंदना शेजवलकर, श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार, सीएसआर नोडल शक्ति कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, जिले के सभी संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
बीएसएल प्लांट प्रबंधन को डीसी ने दो टूक कहा-
उपायुक्त ने कहा कि बीएसएल प्रबंधन कर्मियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें. कर्मियों की स्वास्थ्य जांच 10-10 दिनों में की जाएं अगर वह स्वास्थ्य है, तो उन्हें पुनः नियोजित करें. साथ ही, उन्हें आयुष्माण योजना के तहत लाभांवित करें.
रिक्त पदों के लिए नियोजनालय से समन्वय करें बीएसएल-
बैठक में 75 फीसदी स्थानीय लोगों के नियोजन को लेकर भी चर्चा हुई. इस पर जिला नियोजन पदाधिकारी ने कंपनी द्वारा रिक्तियों की जानकारी नहीं देने की बात कहीं. उपायुक्त ने कर्मियों की मांग/ रिक्तियों से संबंधित ब्योरा जिला नियोजनालय से समन्वय कर साझा करने को कहा. उन्होंने कहा कि हम कौशल युक्त प्रशिक्षु कर्मियों को ही आपको उपलब्ध कराएंगें. इस पर बीएसएल प्रबंधन ने सहमति जताई.
पंचायत से वंचित विस्थापित गांव के लिए पुनः पत्राचार का निर्देश-
वहीं, बैठक में विस्थापित गांवों को पंचायत में शामिल करने को लेकर भी चर्चा हुई. इस पर उपायुक्त ने कहा कि जिले से इसको लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. पुनः इस मामले में पंचायती राज पदाधिकारी सफीक आलम को पत्र भेजने का निर्देश दिया. इसके अलावा बीएसएल प्रबंधन द्वारा क्षेत्र में सीएसआर कार्यों से प्रतिनिधियों को अवगत कराने एवं अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा कर जरूरी दिशा–निर्देश दिया.