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रांची/डेस्क: धनबाद में जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण आर्थिक अपराध का पर्दाफाश करते हुए मिथिलेश कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह के तीन स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें वृंदावन कॉलोनी में उनका घर और कार्यालय शामिल हैं.
मिथिलेश सिंह, जो भगवती इंटरप्राइजेज और भगवती माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं, पर करोड़ों रुपये की कर चोरी और फर्जी इनवॉयस घोटाले का आरोप लगाया गया है. जांच के दौरान जीएसटी इंटेलिजेंस टीम को 200 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉयस मिले, जिससे टैक्स चोरी के इस बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है.
बता दें कि रामगढ़ के लक्ष्मी ट्रेडिंग में 17 जनवरी को जीएसटी इंटेलिजेंस द्वारा की गई छापेमारी में मिथिलेश सिंह की संलिप्तता का खुलासा हुआ. जांच में यह सामने आया कि मिथिलेश ने लक्ष्मी ट्रेडिंग, रामगढ़ से लगभग 100 करोड़ रुपये और धनबाद स्थित सौरभ व राज सिंघल की कंपनी से भी लगभग 100 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉयस प्राप्त किए थे. यह मामला सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए कर चोरी और फर्जी कंपनियों के माध्यम से एक साजिश का हिस्सा हो सकता है.
संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के निर्देश पर वरिष्ठ आसूचना अधिकारी रौशन मिश्रा के नेतृत्व में यह छापेमारी की गई. मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में कई अन्य प्रभावशाली व्यापारियों और अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है. सौरभ सिंघल के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान 3 करोड़ रूपए का फर्जी चालानों का बड़ा जखीरा बरामद किया गया.
बता दें कि 31 जनवरी को जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने सिंघट के छह जगहों पर छापेमारी की थी, इस दौरान बरामद दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि सिंघग ने ऐसे कई अन्य कागजी कंपनियां बना रखी हैं, जिसका इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था. जिसमें भवानी इंटरप्राइजेज, जय मां विंध्यवासिनी, मां देवसार इंटरप्राइजेज, श्याम हार्ड कोक, ट्रिनिटी फ्यूएल्स सहित कई अन्य कंपनियां शामिल हैं.