प्रशांत शर्मा/न्यूज़ 11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया, जिसमें अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर आरोप लगाए गए. धरने में शामिल समाजसेवियों ने अस्पताल की हालत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, आरोप लगाया कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इलाज के लिए परेशान हैं.
कहा गया कि अस्पताल कर्मी मरीजों को निजी डॉक्टरों और नर्सिंग होम में भेजकर उन्हें ठग रहे हैं. मरीजों की मृत्यु में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है, और अस्पताल के प्रबंधक को दोषी ठहराया गया है. शिकायत की गई कि सरकारी एम्बुलेंस खराब हैं, जबकि निजी एम्बुलेंस मनमाना भाड़ा वसूल रही हैं.
धरने में कई मांगें की गई, जिनमें शामिल हैं:
- सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सूची अस्पताल परिसर में सूचना पट पर लगाई जाए.
- स्वास्थ्य कर्मियों का पहचान पत्र जारी किया जाए.
- डॉक्टरों को केवल जेनरिक दवाएं लिखने का आदेश लागू किया जाए.
- निजी एम्बुलेंस के अत्याचारों पर रोक लगाई जाए.
- सरकारी एम्बुलेंस की स्थिति सुधारने के लिए कार्रवाई की जाए.
- अस्पताल में केवल सरकारी जांच और एक्स-रे की मान्यता हो.
धरने में मनोज गुप्ता, गणेश सीटू, राजेश मिश्रा, अर्जुन यादव, नंदलाल मेहता, प्रेमचंद राम, बप्पी करण, राजू चौरसिया, सुनील केशरी, रमेश सिंह, सुशील सिन्हा, रामजी सिंह, रंजीत कुमार, मंगेशकर चौधरी, निशार, खलील, उमेश गोप, रवि पांडे सहित अन्य लोग शामिल थे.