झारखंडPosted at: नवम्बर 30, 2024 खूंटी मनरेगा घोटाला: बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को एक मामले में 5 साल की सजा
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: खूंटी मनरेगा घोटाला मामले में बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को एक मामले में 5 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है. एसीबी की विशेष कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई है. बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा पर 12 योजनाओं के मद से 88 लाख की अवैध निकासी का आरोप है. राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ एसीबी ने 17 केस दर्ज की थी. इनमें से तीन मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है. बाकी 14 केस पीएमएलए की विशेष कोर्ट में ट्रांसफर हो चुका है.
राम विनोद प्रसाद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ो की अवैध संपति अर्जित करने का आरोप है. उनपर 18.76 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा का आरोप है. एसीबी की दबिश बढ़ने पर राम बिनोद सिन्हा 2 साल से फरार चल रहा था. 18 जून 2020 को उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था. मामले को लेकर एसीबी ने साल 2017 में जांच शुरू की थी. इसी मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें भी बढ़ीं हैं.