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रांची/डेस्क: अक्सर आपने लोगों के मुंह से ये सुना होगा कि उनका पेट सुबह-सुबह तब तक साफ नहीं होता जब तक कि वह सिगरटे या बीड़ी न पी लें. कुछ लोग इसके लिए खैनी (सुर्ती) यानी तंबाकू का भी इस्तेमाल करते हैं. अब सवाल उठता है कि क्या सच में ऐसा होता है या ये सिर्फ हमारे मन का वहम भर है. आइए जानते हैं कि अगर ऐसा होता है तो सिगरेट कैसे हमारे पेट पर असर करता है.
बता दें कि सिगरेट में निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड समेत कई तरह के जहरीले केमिकल होते हैं. ये रसायन हमारे शरीर पर कई तरह से असर डालते हैं. सिगरेट में पाई जाने वाली निकोटीन एक उत्तेजक (stimulant) के रूप में असर करती है. शरीर के अंदर जाते ही ये केमिकल दिमाग और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है. वहीं, निकोटिन के प्रभाव से पेट के अंदर की मांसपेशियों यानी गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल मसल्स को सक्रिय हो जाती हैं. इसके वजह से पाचन प्रक्रिया तेज हो जाती है. इसी वजह से लोगों को लगता है कि जब भी वह धूम्रपान करते हैं, तब ही उनका प्रेशर तेजी से बनता है.
वहीं, बाउल मोटिलिटी की वजह से भी ऐसा ही होता है. बता दें कि निकोटीन के वजह से आंतों की गति भी प्रभावित होती है. सुट्टा फूंकने से यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और आंतों की गतिविधि को तेज कर देता है, जिसे बाउल मोटिलिटी कहा जाता है. यही वजह है कि कुछ लोगों को ये महसूस होता है कि सुबह-सुबह सिगरेट पीने से उन्हें जल्दी बाथरूम जाने की जरूरत होती है.