प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- चुरचू प्रखंड मुख्यालय सहित कोयलांचल इलाके में सोमवार को मूसलाधार बारिश के बावजूद ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाया गया. सुबह से ही मुस्लिम धर्मावलंबी जुलूस ए मोहम्मदी में बड़ी संख्या में शामिल होकर नात और हमदो सना पढ़ते हुए नजर आए. क्या छोटे बच्चे ,बच्चियां क्या बूढ़े और क्या नौजवान सभी मुस्लिम धर्मावलंबी ने जुलूस ए मोहम्मदी में बढ़-चढ़कर शिरकत की और त्योहार की रौनक को चार चांद लगाने का काम किया. प्रखंड के बोदरा , तसनालो , पीपरा, कजरी, करीमगंज,प्रेमनगर , परेज सहित कई गांव में सुबह से ही जुलूस ए मोहम्मदी की रौनक देखने को मिली. वही प्रखंड के बोदरा , चीचीकला, तसनालो, जरबा, इंद्रा,बसाडीह , चरही सहित अन्य गांव में लोगों ने बड़े पैमाने पर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला. गौरतलब है कि बारह रबी उल अव्वल यानी की ईद मिलादुन्नबी का त्योहार पूरी दुनिया में नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिन की खुशी पर मनाया जाता है. इस्लामिक महीने के तीसरे महीने में बारह तारीख को यह त्यौहार देश-विदेश में बड़े पैमाने पर पूरे हर्षोल्लास के साथ मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा मनाया जाता है. ईद मिलादुन्नबी के दिन सुबह से ही लोग नए लिबास नए कपड़े पहन कर जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल हुए. वहीं विभिन्न स्थानों पर ईद मिलादुन्नबी के दिन नात खानी मिलाद खानी तथा लंगर खानी का कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां जुलूस में शामिल लोगों के बीच लंगर का वितरण किया गया. इसके इलावा दिनभर जुलूस ए मोहम्मदी में घूमने मिलाद नात और लंगर के बाद विभिन्न गांव की मस्जिद में मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिन के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जहां पर गांव के इमाम द्वारा लोगों को मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में कई तरह की जानकारियां दी गई. मिलाद के प्रोग्राम में नबी का जिक्र करते हुए लोगों को बताया गया कि हमें हमारे नबी करीम ने बहुत कुछ सिखाया है जिसमें से अमन चैन दुनिया में कायम रखना एक दूसरे की मदद करना गरीबों के लिए हमेशा खड़े रहना मजबूर की मदद करना जैसे कई उदाहरण शामिल हैं कार्यक्रम के दौरान नबी का जिक्र करते हुए इमाम ने बताया कि हमारे नबी ने कभी भी किसी से झूठ ना खाने की हिदायत दी. रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हमेशा हर हाल में सच के साथ जीवन व्यतीत करने की शिक्षा दी. इस मौके पर मुख्य रूप से मुस्लिम समाज कई लोग शामिल थे.