न्यूज11 भारत
रांचीः सूखे की मार झेल रहे 22 जिलों के 226 प्रखंडों के किसानों को सूखा राहत के रूप में 35 सौ रुपये की सहायता राशि सरकार की तरफ से दी जायेगी. राज्य की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गंठबंधन की सरकार ने अपने स्तर से सूखा राहत योजना चलाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. प्रभावित किसानों से मिले आवेदन का सत्यापन अंचल अधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी करेंगे. जिलों के सदर अनुमंडल अधिकारी, उपायुक्त को सूखे से संबंधित सहायता राशि की रिपोर्ट का अनुमोदन करेंगे. डीसी के प्रतिवेदन के आधार पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के निर्णय के आलोक में सीधे किसानों के खातों में राशि का ट्रांसफर किया जायेगा.
राज्य में सूखा प्रभावित मैनुअल 2016 के तहत निहित प्रावधानों के आधार पर 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. विभाग ने अधिकारियों से जमीनी सच्चाई पता कराया है. 30 से 50 फीसदी तक फसल नुकसान को मुख्य आधार बनाया गया है. आधार बनाया गया है. सूखे के मद्देनजर आपदा प्रबंधन प्राधिकार समिति ने निर्णय लिया है कि 3500 रुपये प्रत्येक पीड़ित किसान परिवार को दिया जायेगा.
चालू वित्तीय वर्ष में आपदा प्रबंधन विभाग के डिजास्टर रीस्पांस फंड की वार्षिक राशि के 25 फीसदी की सीमा तक उपलब्ध राशि से यह खर्च किया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार, भारत सरकार से केंद्रीय सहायता की मांग भी करेगी. भारत सरकार से डिजास्टर रिस्पांस फंड की राशि मिलने के बाद राज्य सरकार 25 फीसदी से अधिक राशि अपने स्तर से उपलब्ध करायेगी. भारत सरकार से राशि मिलने के बाद 3500 रुपये का समायोजन करते हुए शेष राशि दी जायेगी.
सूखा राहत सहायता वैसे किसानों को दी जायेगी, जिनका जीविकोपार्जन पूरी तरह से कृषि पर आधारित है. वैसे किसान जो सूखा के कारण बुआई नहीं कर सके हैं, उनको भी यह राशि दी जायेगी. जिनका 33 फीसदी या इससे अधिक फसल क्षतिग्रस्त हैं, उनको भी यह राशि दी जायेगी. भूमिहीन किसान मजदूरों को भी यह राशि दी जायेगी.