NEWS11 स्पेशलPosted at: मार्च 07, 2022 MBBS में दाखिला कराने में ठगी के आरोपी को हाईकोर्ट से राहत नहीं
जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई सुनवाई

न्यूज11 भारत
रांची: एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर ठगी करने के आरोपी विश्वजीत डे झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. इन्होंने हाईकोर्ट की तरफ से रेग्यूलर जमानत याचिक 11692 ऑफ 2013 को न्यायालय की तरफ से खारिज किये जाने को लेकर दुबारा सुनवाई करने की अपील की थी. इस संबंध में विश्वजीत डे की तरफ से क्रिमिनल रीट याचिका 295 ऑफ 2021 दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजेश कुमार ने यह दलील दी थी कि विश्वजीत डे को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के लिए ले जाना जरूरी है. इसलिए उन्हें जमानत दिया जाये. 25 नवंबर को हुई सुनवाई में जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत को यह बताया गया था कि प्रार्थी का इलाज जरूरी है. इसलिए उन्हें जमानत दिये जाने की जरूरत है. फिलहाल विश्वजीत डे राजधानी रांची की जेल में हैं.
जानकारी के अनुसार नकटिया की रहने वाली रबिया सैफी का एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए उसके मौसेरे भाई जुबैर आलम से शशि बिहार कॉलोनी चेशायर होम रोड रांची के विश्वजीत-डे ने 42 लाख रुपये की ठगी कर ली थी. दिल्ली में पढ़ाई कर रहे जुबैर को ही दोस्तों अलीगढ़ के न्यू सर सैयद नगर रोड के सहरोज, रामघाट रोड के विकास शर्मा और मुजफ्फरनगर के आराफात खान ने जाल में फंसाकर विश्वजीत से मुलाकात कराई थी. अराफात खान दिल्ली में रहकर विश्वजीत-डे के लिए काम करता था. जुबैर ने मौसेरी बहन के दाखिले के लिए विश्वजीत-डे से बात की तो उसने बताया कि वह वीवीआईपी सीट पर दाखिला कराएगा. जुबैर ने पिता अब्दुल रसीद से कहकर प्लाट बिकवाया और 42 लाख रुपये विश्वजीत-डे को दे दिए, लेकिन इसके बाद भी दाखिला नहीं हुआ. 2 दिसंबर 2014 को जुबैर की तहरीर पर चारों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा किया गया था. बरियातू थाने में भी विश्वजीत पर राज्य के एक आईपीएस अफसर से भी एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर ठगी करने का मामला दर्ज है. आईपीएस से ठगी करने के आरोप में वह इन दिनों रांची की जेल में है.