प्रदेश में हर साल 83 किलोमीटर एनएच का हो रहा निर्माण, एनएचआई ने जारी किए हाईवे के नए नंबर
न्यूज11 भारत
रांची: बिहार से अलग होकर झारखंड नया राज्य बना था, तब सूबे में नेशनल हाइवे का दायरा 1606 किलोमीटर था. 21 साल में यह बढ़कर 3,367 किलोमीटर तक पहुंच गया. औसतन हर साल झारखंड में 83 किलोमीटर का सड़क निर्माण हुआ. वर्तमान में झारखंड में 18 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. नेशनल हाईवे का दायरा बढ रहा है. इस वजह से झारखंड के हजारीबाग को जोड़ने वाले प्रमुख नेशनल हाईवे की पहचान अब बदल गई है. नेशनल हाईवे जिस नंबर से जाना जाता था, वह नंबर बदल गया है. इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे का नया नामांकन पिछले दिनों जारी किया है. इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा सभी नेशनल हाईवे पर नया बोर्ड लगाया जा रहा है.
जानें किस नए नंबर और नाम से जाने जाएंगे नेशनल हाईवे
नये आदेश के बाद हजारीबाग ऐतिहासिक जीटी रोड नेशनल हाईवे 2 को NH-19 के नाम से जाना जायेगा. वहीं, झारखंड के लाइफ लाइन कहे जाने वाले NH- 33 को NH-22, NH-100 को NH-522 और NH-99 को NH-22 हो गया है. प्रदेश में नेशनल हाइवे की देखरेख, निर्माण और राज्य सरकार से समन्वय बनाने के लिए 2015 में झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया है.
जाने कौन सा एनएच है लंबा और कौन है छोटा
झारखंड के 30 नेशनल हाइवे में NH-33 सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है. यह बिहार बॉर्डर से पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक है. NH-33 की कुल लंबाई 333.5 किलोमीटर(झारखंड में 92.9 किमी) है. झारखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-133B है. यह साहिबगंज से बिहार बॉर्डर तक है जिसकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर(झारखंड में 11) है.
यहां जानें नये नेशनल हाईवे का नाम
पुराना NH : नया NH
NH-2 : NH-19
NH- 33 : NH-22
NH-100 : NH-522
NH-99 : NH-22
पुराने NH का रूट
NH-2: 192.26 किलोमीटर का रूट झारखंड के चौपारण से लेकर झारखंड- पश्चिम बंगाल के बॉर्डर चिरकुंडा तक है.
NH-33: हजारीबाग के बरही से रांची-जमशेदपुर और बहरागोड़ा तक है. इसकी कुल लंबाई 333.5 किलोमीटर है.
NH-99: बिहार के डोभी से झारखंड के चतरा-बालूमाथ और टंडवा तक जाती है. इसकी कुल लंबाई 106 किलोमीटर है.
NH- 100: झारखंड के चतरा से होते हुए सिमरिया-हजारीबाग-बिशुनगढ़ और बगोदर तक है. इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है.
हजारीबाग जिले से चार राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं
नये आदेश के बाद जीटी रोड या राष्ट्रीय राजमार्ग-19 का रूट दिल्ली से होते हुए कोलकाता तक है. वहीं, NH-44 आगरा, कानपुर, अहमदाबाद, वाराणसी, मोहनिया, औरंगाबाद, डोभी (बिहार), झारखंड में बरही, बगोदर और गोविंदपुर तथा बंगाल में आसनसोल होते हुए NH- 16 कोलकाता में मिल जाता है. झारखंड में इसकी लंबाई 199 किलोमीटर है.
पुराना NH-33 और नया NH-22 का रूट
बिहार के बख्तियारपुर, बिहार शरीफ, नवादा, रजौली, झारखंड में कोडरमा, बरही, हजारीबाग, रांची, खूंटी, मुरमू, चक्रधरपुर, चाईबासा, जयंतगढ़ और ओड़िशा में परसोंरा केंडू, धारगढ़, पानीखोली, पुलिया, जयपुर, अराडी, चंदवाली, राज कोनिका तक जाता है.
पुराना NH- 100 और नया NH- 522 की स्थिति
इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर ह. यह NH-19 और NH-22 को जोड़ता है. बगोदर से विष्णुगढ़, टाटीझरिया, दारू, हजारीबाग, चतरा के NH-22 को जोड़ता है. Nh-99 और नया NH- 22 की लंबाई झारखंड में 106 किलोमीटर है. यह मार्ग बिहार के डोभी से झारखंड के हंटरगंज (चतरा), चंदवारा (कोडरमा) होते हुए नेपाल के बॉर्डर तक जाता है. इस संबंध में नेशनल हाईवे के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एसके सिंह ने बताया कि लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर जागरूकता के लिए साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं. राजमार्ग का नया नाम लोगों की सहूलियत और विशेष पहचान के लिए किया गया है.
प्रदेश को मिला और दो नए हाईवे की सौगात
झारखंड को दो नए एक्सप्रेस-वे की सौगात मिली है. 'भारत माला प्रोजेक्ट' के तहत राज्य में दो नये एक्सप्रेस-वे बनेंगे. दोनों एक्सप्रेस-वे 'ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट' के रूप में तैयार किए जाएंगे. पहला एक्सप्रेस-वे छत्तीसगढ़ के रायपुर से बिलासपुर-गुमला-रांची-बोकारो होते हुए धनबाद तक बनेगा. इसकी लंबाई करीब 707 किलोमीटर होगी. दूसरा एक्सप्रेस-वे ओडिशा के संबलपुर से रांची तक बनेगा. इसकी लंबाई 146.2 किलोमीटर होगी. ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़कें पूरी तरह से नई होगी. इसमें कहीं सिक्सलेन और कहीं-कहीं फोरलेन सड़कें बनेगी.