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रांची/डेस्क: हजारीबाग में NTPC के डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) कुमार गौरव की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस हत्याकांड में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, यह हत्याकांड कोयला खनन क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए की गई एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था.
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
हजारीबाग पुलिस ने इस मामले में आखिरकार सफलता हासिल करते हुए चार अपराधियों को गिरफ्तार किया. हजारीबाग रेंज के डीआईजी संजीव कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार अपराधी हजारीबाग और चतरा जिलों के निवासी हैं. पुलिस ने इनके पास से महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं, जो इस हत्याकांड में उनकी संलिप्तता को साबित करते हैं. डीआईजी ने यह भी बताया कि इस घटना का उद्देश्य कोयला खनन क्षेत्र में आतंक और अस्थिरता फैलाना था, ताकि अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.
गैंगस्टर अमन साहू से कनेक्शन
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस हत्याकांड का संबंध कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू से है. अमन साहू, जो झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, संभवतः इस हत्या का मास्टरमाइंड हो सकता है. पुलिस के अनुसार, यह हत्या कोयला माफिया और संगठित अपराध के बीच एक गहरे नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है. अमन साहू के गिरोह ने पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है, जिसका उद्देश्य खनन क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना रहा है.
घटना का विवरण
8 मार्च को इस घटना में अपराधियों ने एनटीपीसी के डिस्पैच डीजीएम कुमार गौरव को निशाना बनाया. जानकारी के मुताबिक, कुमार गौरव अपने काम के सिलसिले में उस इलाके में थे, जब उन पर हमला किया गया. हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से गोलीबारी की और मौके से फरार हो गए. इस घटना ने स्थानीय लोगों और एनटीपीसी कर्मचारियों में भय और आक्रोश पैदा कर दिया.
पुलिस की सफलता
चार अपराधियों की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है, लेकिन पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी भी कई संदिग्धों की तलाश जारी है. डीआईजी संजीव कुमार ने बताया कि पुलिस अन्य फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा. इसके लिए खुफिया जानकारी और तकनीकी संसाधनों का सहारा लिया जा रहा है.
क्षेत्र में प्रभाव
पुलिस के मुताबिक, यह हत्याकांड हजारीबाग और चतरा जैसे कोयला खनन क्षेत्रों में बढ़ते अपराध और माफिया गतिविधियों की ओर इशारा करता है. एनटीपीसी जैसी बड़ी कंपनियों के अधिकारियों पर हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि इस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के मनोबल को भी प्रभावित करता है. पुलिस और प्रशासन के सामने अब यह चुनौती है कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच अभी भी अपने उच्चतम स्तर पर है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.