प्रशांत शर्मा/न्यूज 11
हजारीबाग/डेस्क: लोकनायक जयप्रकाश नारायण केन्द्रीय कारा में अव्यवस्था समेत कई गंभीर आरोपों को लेकर कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच दल में शामिल अधिकारी सहायक कारा महानिरीक्षक हामिद अख्तर, झारखंड, रांची और चंद्रमौली सिंह प्रोबेशन पदाधिकारी, कारा निरीक्षणालय, रांची जांच को हजारीबाग जेपी कारा पहुनव्हे और घंटों जांच की. हालांकि, जांच के मामले में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां की रिपोर्ट वे मुख्यालय को दे देंगे. लेकिन पत्रकारों से बातचीत में जिस लहजे से उन्होंने बात की, उसमें कहा जा रहा है कि शायद ही जेपी केन्द्रीय कारा की रिपोर्ट सटीक हो और यहां की गड़बड़ियां दूर हो पाये, क्योंकि जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हुए पर्दे के पीछे अपनी मांग पूरी करेंगे.
पहले भी कारा महानिरीक्षक पत्रांक 205 दिनांक 12 अगस्त 2024 को गंभीर आरोपों कारा अधीक्षक द्वारा कारा अस्पताल में बंदियों को रखने, वीआईपी बंदियों को सुविधा देने और कारा में अनियमितता जैसे गंभीर आरोपों में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी. इस टीम में तब निदेशक मनोज कुमार, कारा निरीक्षणालय, झारखंड और मो. नसीम कारापाल, कारा निरीक्षणालय, झारखंड को शामिल किया गया था. लेकिन जांच के बाद और खुली छूट मिल गई. दरअसल कारण एक के बाद एक कई सारे आरोपों में सिर्फ कारण पृच्छा का ही खेल चलता आ रहा है. मौजूदा कारा अधीक्षक जीतेन्द्र कुमार सिंह पलामू से हजारीबाग में योगदान देने के बाद यहां रहते हुए पलामू के मामले में त्रुत्रिपूर्ण पैरोल प्रस्ताव के संबंध में कारा महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल ने अपने पत्रांक 582 दिनांक 1.3.2024 द्वारा कारण पृच्छा किया गया. पत्र में जवाब से नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यालय को गलत सूचना देकर गुमराह करने जैसे गंभीर आरोप तक लगाए गए. अब वरीय अधिकारियों की आज की जांच भी पहले की तरह होगी या फिर इसमें सुधार के लिये कुछ होगा, इसपर सभी की नजर है.
जेल के अंदर से हो रहा है फोन का इस्तेमाल
जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में बंद कैदियों और बंदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. जेल के भीतर अभी भी 2जी जैमर काम कर रहा है. उसका कभी नेटवर्क रहता है और कभी नहीं. जबकि अधिकतर लोग फाइव जी का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए जेल में बंद कैदी फाइव जी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, जिसे 2जी जैमर रोक नहीं पाता है. इसका लाभ जेल में बंद कैदी उठा रहे हैं, बाहर धमकाने और फोन करने में. हाल के दिनों में चार लोगों की हत्या हुई है, जिसमें पुलिस को शक है कि इनके तार जेल से जुड़े हो सकते हैं. इसी में नजर रखने के दौरान एक कैदी से बात करने में बड़कागांव के एक युवक को धरा गया. जेल में कई कमियां हैं, जो जांच दल को दिखेगी भी या नहीं.
कभी हजारीबाग जेल में विवादों में रहे पूर्व अधीक्षक ही कर रहे है विवाद की जांच
हजारीबाग जेपी कारा में पदस्थापित पूर्व कारा अधीक्षक हमीद अख्तर जो पूर्व में भी विवादों में घिरे हुए थे, उन्हे इस जांच कमेटी में शामिल किया गया है. बता दे कि 2017 में जेल अधीक्षक के पद पर पदस्थापित के दौरान ही विकास तिवारी के जन्मदिन मनाने का वीडियो और फोटो वायरल हुआ था. ऐसे में देखना यह है कि यह जांच में कही आंच न लग जाए.