हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर दी जानकारी, मंटू सोनी की जनहित याचिका पर कोर्ट ने बनाया था प्रतिवादी
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झालसा (झारखंड राज्य लीगल सर्विस अर्थोरिटी झालसा) ने बीते 18 जून 2024 को झारखंड हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर एनटीपीसी परियोजना क्षेत्र अंतर्गत रैयतों, विस्थापितों के मुआवजा, पुर्नवास की समस्या का समाधान डालसा और राज्य सरकार के साथ मिलकर करेगा. इसके लिए लोगों को जागरूक कर शिविर भी लगाया जाएगा और समस्या का निपटारा किया जाएगा. झालसा ने यह शपथपत्र मंटू सोनी की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण और अरुण कुमार राय की बेंच द्वारा प्रतिवादी बनाने के बाद दिया है. जिसके बाद झालसा/डालसा के एक टीम ने भी पूरे मामले की जानकारी के लिए सर्वे किया है.
विदित हो कि झारखंड हाईकोर्ट दो बिरहोर की मौत मामले की भी जानकारी कोर्ट को दिया गया है. जिसपर हाईकोर्ट ने परियोजना अंतर्गत बिरहोर मामले पर भी सरकार से जवाब मांगा है. सरकार द्वारा बार-बार समय लिया जा रहा है. वहीं बिरहोर की मौत के मामले को दबाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तरह तरह के तर्क गढ़े जा रहे हैं. लेकिन यह नही बताया जा रहा है कि खान सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन कर बिरहोर बस्ती को बिना बसाए खनन कैसे और किसने चालू कराया.
वहीं, बिरहोर की मौत के कारणों पर पर्दा डालने और दोषियों को बचाने के लिए अजब-गजब रिपोर्ट बनाया जा रहा है. जिसके कारण बचाने वाले खुद उलझते जा रहे हैं. झालसा द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में शपथपत्र के बाद जिला-प्रसाशन और कंपनी एक्टिव हो गए हैं. इधर विस्थापित रैयतों ने बताया कि एक राजनीतिक दल इस मामले को लेकर अपना राजनीतिक गोटी सेंकने में लगे हैं.