न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज स्वास्थ्य विभाग की कार्यशाली पर प्रश्न चिन्ह उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से जानना चाहा कि क्या 14 करोड़ का बकाया पेमेंट का भुगतान नहीं करने के कारण निदेशक को हटाया गया? प्रतुल ने कहा की रिम्स में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सक्षम मरीजों के लिए खून जांच के लिए मेडाल कंपनी और मशीनी जांच के लिए हेल्थ प्वाइंट कंपनी के साथ पीपीपी मोड पर करार हुआ था. लेकिन धीरे-धीरे अबुआ सरकार में यह दोनों कंपनी वैकल्पिक व्यवस्था की जगह मुख्य व्यवस्था बनते चले गए. प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडाल कंपनी की ओर से जो बकाया का दावा किया गया है वह 10.75 करोड़ रुपयों का है वही हेल्थ प्वाइंट ने भी 3.37 करोड़ रुपए के पेमेंट का दावा किया है. प्रतुल ने कहा कि जीबी की बैठक में इन दोनों कंपनियों को भुगतान एजेंडा में नहीं था.फिर भी स्वास्थ्य मंत्री अनावश्यक रूप से एजेंडा के बाहर जाकर इन कंपनियों को भुगतान करने का दबाव बनाने लगे. निदेशक के द्वारा नहीं मानने पर उनको हटाने की पटकथा लिखी जानी शुरू हो गई.
प्रतुल ने कहा कि मेडाल और हेल्थ प्वाइंट कंपनियों पर झारखंड के एजी ने भी ऑडिट करते समय गंभीर अनियमितता पाई थी और कई विसंगतियां का उदाहरण देते हुए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की जगह स्वास्थ्य मंत्री इन दोनों कंपनियों को पेमेंट करने का दबाव बना रहे थे जो कि सर्वथा अनुचित था.
प्रतुल ने कहा कि जीबी बैठक के दौरान दो दर्जन लोग अनिधिकृत रूप से नारेबाजी करते भीतर घुस आए थे.मंत्री इरफान अंसारी ने उनसे निदेशक को हटाने का मांग पत्र भी बैठक के दौरान लिया.प्रतुल ने सवाल किया कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भी बाहरी लोगों को कैसे प्रवेश किया गया? दअरसल यह सब निदेशक को हटाने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था जिसकी पटकथा स्वास्थ्य मंत्री पहले ही लिख चुके थे. प्रतुल ने कहा कि सरकार को अविलंब रिम्स के गर्वनिंग बॉडी की पूरी बैठक की सीसीटीवी फुटेज को जारी करना चाहिए.आखिरकार अबुआ सरकार खुद को पारदर्शी सरकार बताती है. तो फिर सीसीटीवी फुटेज को क्यों नहीं रिलीज कर रही?
प्रतुल ने कहा कि अगर सब कुछ पाक साफ है तो राज्य सरकार सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है? प्रतुल ने जानना चाहा कि अगर इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री को लगता है कि उनकी या सरकार की कोई गलती नहीं और निदेशक को सही से हटाया गया है तो फिर राज्य सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों नहीं कर रही. यह पूरा प्रकरण प्रथम दृष्टि बड़े घपले और कमीशन खोरी का मामला लग रहा है और सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आएगी.
रिम्स में प्रतिनियुक्ति होमगार्ड के जवानों को हटाने का फैसला औचित्य समझ से परे
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की है कि रिम्स में कार्यरत 370 होम गार्ड के जवानों में से ज्यादातार जवानों को हटा दिया जाएगा. प्रतुल ने कहा कि यह आरोप लग रहा है कि होमगार्ड जवानों की जगह निजी सुरक्षा एजेंसी को रिम्स की सुरक्षा का भार देने की फिर से तैयारी है. पूर्व में ऐसी सुरक्षा एजेंसी के संचालक के कांग्रेसी नेताओं से बहुत मधुर संबंध थे. निजी एजेंसी पर लचर व्यवस्था और कमीशन का भी आरोप लगा था. प्रतुल ने कहा कि रिम्स में हो रहे हर गैर कानूनी कार्य का भाजपा कड़ा विरोध करती रहेगी.