प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने इचाक प्रखंड के किसानों के लिए संकट पैदा कर दिया है. बारिश ने आलू की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये की क्षति हुई है. इस प्रखंड में आलू की खेती मानसून के दौरान शुरू होती है. इस साल भी किसानों ने खेतों में लाखों रुपये का आलू बीज खरीदकर फसल उगाई थी, लेकिन मूसलधार बारिश के चलते आलू के खेतों में पानी जमा हो गया है. इससे आलू के सड़ने की आशंका बढ़ गई है.
इचाक प्रखंड के किसानों के लिए आलू की खेती ही आमदनी का मुख्य स्रोत है. इस फसल से होने वाली आय से वे अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करते हैं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, बेटियों की शादी और अन्य खर्चों का प्रबंधन करते हैं. हर साल छठ व्रत के पहले अपने आलू की फसल को झारखंड, बिहार, बंगाल और अन्य राज्यों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं. इस बार भी किसानों ने 4000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू बीज खरीदकर फसल उगाई थी, लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है.
लगातार हो रही बारिश और जल जमाव के कारण इचाक प्रखंड के बरकाखुर्द, कालाद्वार, फुफंदी, सयालकला, लोहड़ी, मोकतमा, फुरूका, पोखरिया सहित कई गांवों में सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. किसानों की चिंता अब यह है कि वे आने वाले दिनों में अपनी जीवन यापन की व्यवस्था कैसे करेंगे.
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश संयोजक,अशोक प्रसाद मेहता ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें चिह्नित कर तत्काल राहत प्रदान करें. उन्होंने प्रशासन की उदासीनता की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन से मिलने वाली सहायता राशि भी किसानों को समय पर नहीं मिल पाती. इस स्थिति में किसानों की उम्मीदें प्रशासन और सरकार की त्वरित सहायता पर टिकी हैं.