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रांची/डेस्क: भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता और गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड सरकार वर्ष 2019 से अब तक राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से खर्च हुए ₹1300 करोड़ का हिसाब नहीं दे पा रही है. उन्होंने कहा कि 15वें वी आयोग की सिफारिश राज्य सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र में 2370 करोड़, ग्रामीण स्थानीय निकायों (पंचायत) को 6585 करोड़, नगर निकायों को 3367 करोड़ और आपदा प्रबंधन विभाग को 3138 करोड़ रुपए की राशि 2026 तक मिलेगी. 5 साल तक ये मिलेगा (90 केंद्र: 10 राज्य).
अमित मंडल ने कहा कि 15वें वित्त (2021- 2026) आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और 16वें वित्त आयोग के गठन से पहले भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे इनडीएमआईइस (NDMIS) पोर्टल पर अपना डाटा अपडेट करें. उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा डाटा न देने के कारण पोर्टल अपडेट नहीं हो पा रहा है. अमित मंडल ने कहा कि कृषि विभाग ने सूखा राहत के लिए आपदा फंड का इस्तेमाल किया, लेकिन इसका हिसाब अभी भी लंबित है ₹600 करोड़ स्वास्थ्य विभाग का अकेले ₹700 करोड़ का हिसाब बाकी है. इसमें कोरोना महामारी के दौरान जिलों को भेजी गई राशि भी शामिल है.
उन्होने कहा कि भविष्य में आपदा प्रबंधन से जुड़े कुछ प्रमुख निकाय राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपना काम करने में सक्षम नहीं हो पायेगी. फण्ड न मिलने से राज्य भर में जल और जलवायु परिवर्तन, भूवैज्ञानिक आपदा, औद्योगिक आपदा, मानव निर्मित आपदाएँ, प्रभावित हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए की स्वस्थ विभाग के 700 करोड़ और कृषि विभाग के 600 करोड़ कहाँ गए - पैसा गबन हो गया, भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए की हिसाब नहीं मिल रहा? अमित मंडल ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए की आपदा से लड़ने के लिए कितनी राशि सरकार के पास है और भविष्य में यदि आपदा जैसी परिस्थतिथि आती है तो सरकार कैसे लड़ेगी.