आशीष शास्त्री / न्यूज11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: देश में होली मनाने को लकेर ऊहापोह की स्थिति है. विहिप द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में होली 25 मार्च को मनाने का निर्णय लिया गया. विहिप के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में ज्योतिष मंच में जिन ज्योतिषों का नाम लिया गया, उनमें से अधिकांश ने कहा कि वे वहां उपस्थित नहीं थे, और उन्होंने 25 मार्च को होली नहीं मानने का निर्णय दिया है.
25 मार्च दिन दोपहर 12:30 तक रहेगी पूर्णिमा
प्रिंस चौक शक्ति स्थल के महंत आचार्य श्याम सुंदर मिश्रा ने कहा है कि विहिप द्वारा जारी होली की तिथि शास्त्र अनुसार सही नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि 25 मार्च दिन सोमवार को दोपहर 12:30 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी, और होली पूर्णिमा तिथि को नहीं खेला जाता. उन्होंने कहा शास्त्र अनुसार होली पूर्णिमा के दूसरे दिन चैत्र प्रतिपदा को खेला जाता है और चैत्र प्रतिपदा इस बार 26 मार्च को रहेगी. वहीं शहर के हनुमान वाटिका के पुरोहित सोमनाथ मिश्रा ने भी आचार्य श्याम सुंदर मिश्रा के निर्णय में सहमति जताई है. आचार्य श्यामसुंदर मिश्रा ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन की जाती है, फिर इसके अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को रंगों वाली होली खेली जाती है.
24 मार्च को होलिका दहन
उन्होंने बताया कि वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो जाएगी जो 25 मार्च 2024 को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि और भद्रा रहित काल में करना शुभ माना जाता है. इस वर्ष होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. लेकिन होलिका दहन के दिन भद्रा साया रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्राकाल को शुभ नहीं माना जाता है और इस दौरान किसी भी तरह का पूजा-पाठ व शुभ काम करना वर्जित होता है. पंचांग के मुताबिक 24 मार्च को सुबह से भद्राकाल लग जाएगी. इस दिन भद्रा का प्रारंभ सुबह 09 बजकर 54 मिनट से हो रही है, जो रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. इस तरह से भद्राकाल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है. वैदिक पंचांग और ज्योतिष के विद्वानों के मतानुसार होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. यानी इस दौरान होलिका करना शुभ रहेगा.
100 साल बाद होली और चंद्र ग्रहण दोनों ही एक ही दिन है
आचार्य श्यामसुंदर मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष होली पर चंद्र ग्रहण और होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा. 100 साल बाद होली और चंद्र ग्रहण दोनों ही एक ही दिन है. चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10.23 बजे शुरू होगा और दोपहर 3.02 बजे तक रहेगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
26 मार्च को होली खेलने शुभ
प्रिंस चौक शक्ति स्थल के महंत आचार्य श्याम सुंदर मिश्र निर्णय दिया है की होली 26 मार्च को खेलने शुभ रहेगा. इसी दिन उदया तिथि के साथ चैत्र प्रतिपदा रहेगी और इसी दिन होली की पूजा भी की जाएगी.