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रांचीः इस बार महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां जोरों से चल रही है. बता दें, महादेव या शंकर आरण्य संस्कृति जो आगे चल कर सनातन शिव धर्म नाम से जाने जाते है. इसमें एक परांपरा एक पौराणिक काल से चला आ रहा है यह है शिव बारात. शिव यानी महादेव सबसे महत्वपूर्व देवताओं में से एक है. वह त्रिदेवों में एक देव है. भगवान बोलेनाथ को देवों के देव महादेव भी कहते है इसके साथ ही इनके अनेक नाम है जैसे महेश, नीलकंठ, गंगाधर, रूद्र आदि ये सब नामों से भी महादेव को जाना जाता है.
आपको बात दें, कि इस बार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है. जो फाल्गुन मास के कृष्णा पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ रहा है इसी दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की शादी हुई थी. ऐसा कहा जाता है की महाशिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव खुश होकर अपने भक्तों की सारी दुख-कष्ट दूर कर देते है. और उनके जीवन में खुशियां भर देते है. बता दें, अगर कोई शिवभक्त सच्चे मन से महादेव की पूजा करता है तो वे जल्दी ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते है और उनकी मन की सारी इच्छाएं पूरी करते है, इसी वजह महादेव को भोलेनाथ कहा जाता है.
हालांकि, ज्योतिषों के अनुसार, महादेव की पूजा-अर्चना के कुछ नियम है और हमे पूजा करते वक्त इन सब बातों को ध्यान में रखना चाहिए, नहीं तो महादेव नाराज हो जाते है. इतना ही नहीं, यह छोटी सी गलती की वजह से आपकी पूरी ज़िन्दगी बर्बाद हो सकती है. महाशिव रात्रि के दिन शिव भक्त अपने पास के शिव मंदिर में जाकर पूजा करते है.
पूजा करते वक्त न करें ये गलतियां
अगर आप भगवान शंकर का दुग्धाभिषेक या जलाभिषेक करते वक्त इन बातों का खास ध्यान रखे :- लोहे, स्टील के बर्तन का उपयोग न करें. इसके बदले आप पीतल, चांदी का प्रयोग करें. भगवान शिव के अभिषेक में भूलकर भी भैंस के दुध का उपयोग न करें, और शिवलिंग पर कुमकुम या सिंदूर, और हल्दी न चढ़ाए, भगवान शिव की पूजा के समय टूटे हुए चावल का उपयोग न करें, और पूजा करते वक्त तुलसी के पत्ते का प्रयोग भी न करें. इसके अलावे भगवान शिव की पूजा करते समय शंख न बजाएं.