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रांची/डेस्क: मुख्यमंत्री झारखंड हेमंत सोरेन और रांची डीसी के सख्त निर्देश के बाद भी बुंडू अनुमंडल क्षेत्र में बालू का अवैध उत्खनन जोर शोर से चालू है. इसमें प्रशासन का कोई रोक-टोक नहीं है. रोज सैकड़ो गाड़ी से शाम होते ही बालू लोड करके रांची के लिए निकलती है. 150 CFT का चलान काटा जा रहा और गाड़ी मालिको से 6800 रुपया अवैध पैसा लिया जा रहा है. जबकि बालू भी किसी डंप चालान वालों के पास उपलब्ध नहीं है.
एक चलान पर दो से तीन बार बालू लोड
सरकारी दर के अनुसार 10 रुपया CFT बालू का लगना चाहये. उसके हिसाब से 150CFT का मात्र 1500 रुपया लगना चाहये. जो अवेध पैसा लग रहा उसका भार आम पब्लिक के ही ऊपर आ रहा है जो बालू का दर होना चाहये उससे 4 गुना ज्यादा महंगा में आम लोगो को मजबूरी में लेना पड़ रहा है. जबकि एक चलान में एक ही बार बालू लोड कर सकते है. लेकिन यहाँ पर एक चलान पर दो से तीन बार बालू लोड कर बेचा जा रहा है. जो 6800 अवेध तरीके से वसूली जा रही है. उसी से सभी लोकल प्रशासन के लोगों को भी उनकी हिसेदारी दिया जा रहा है. जिससे वे भी अपनी आँखें बंद कर लिए है.
एनजीटी के रोक के बावजूद निकाला जा रहा बालू
पंचपरगना क्षेत्र में अवैध माइनिंग जोर शोर से फल -फूल रहा है. जिससे पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुंच रही है. आप देख सकते हैं एनजीटी के रोक के बावजूद भी नदी से सीधे JCB लगा कर बालू निकाला जा रहा है . लेकिन इस पर कोई रोक-टोक करने वाला नहीं है और रोज करीब सैकड़ो गाड़ी से ऊपर नदी से बालू निकालकर डंप लाइसेंस के आड़ में बेचा जा रहा है. जबकि किसी के डंप में बालू उपलब्ध नहीं है. रोज अवैध माइनिंग हो रही है. नदी से आप देख सकते है किस तरह बादला घाट, कराम्बू घाट ,पंगुरा,तुंजु में रोज अवैध बालू निकासी जो सोर से चालू है. जो फोटो और वीडयो में दिख रहा है और इसी तरह सुमानडीह, बुड़ाडीह घाट जो कांची नदी पर पड़ता है.
पुलिस संरक्षण में चल रहा काला खेल
सभी जगह रोज अवैध माइनिंग हो रही है, यही हाल पूरा झारखण्ड में है. करीब 8 बजे से ही बालू गाड़ी बालू लेकर राँची के लिये निकलती है और वह 11बजे तक वापस आ जाती है. लेकिन आप देख सकते है यही गाड़ियां फिर से दो-तीन बजे के करीब दोबारा, कोई कोई तो तीसरा बार भी बालू लेकर फिर रांची के लिए निकलते हैं. जबकि चलन एक बार का ही रहता है जबकि अगर गाड़ी 3 बार जा रही तो तीन बार चलान कटना चाहये. आप देख सकते हैं दशम्फल थाना के पेट्रोलिंग गाड़ी घाटी में रोड किनारे जितना बालू गाड़ी जाती है. सभी का खड़ा करके लिस्ट से मिलान करती है, जो बालू माफिया के द्वारा पहले ही सभी थाना को भेजा रहता है और उन गाड़ियों से रात में वसूली की जाती है. रोज और प्रशासन के सह पर अवैध बालू खेल का काला कारोबार जोर सोर से फल फूल रहा है.
बालू पंचपरगना क्षेत्र में अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख व्यवसाय
अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर संज्ञान लेती है कि नहीं. इतनी जानकारी के लिए मैं बालू माफिया से मिलकर उनका हितैषी बनकर उनसे उनसे बातचीत किया तब जाकर कुछ जानकारी मिल पाया कुछ लोग इस अवैध माइनिंग के धंधे को अपने हिसाब से चला रहे हैं इसकी जानकारी में जल्द ही संबंधित विभाग को दूंगा. साथ ही माननीय राजपाल झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी दूंगा और उनसे रिक्वेस्ट करूंगा झारखंड में हो रहे हैं अवैध माइनिंग पर स्वतःसंज्ञान लेकर एक कमेटी का गठन करके हाईकोर्ट के देखरेख में जांच कर सख्त कार्रवाई हो. बालू हमारे पंचपरगना क्षेत्र में अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख व्यवसाय है. सरकार को इस पर घाटों का आकलन कर बंदोबसति करने के बाद ही बालू निकासी का परमिशन देना चाहिए और जिस घाट पर बालू खत्म हो गया है. उस घाट पर रोक लगनी चाहिए जिससे कि पर्यावरण को भी कोई क्षति नहीं पहुंचेगी ! अभी आप देखयेगा की सिर्फ छोटी गाड़ी ही चल रही है जबकि बुंडू में बहुत बड़ी गाड़ियां भी हैं लेकिन वह बिलकुल बंद है. सभी गाड़िया चले लेकिन सही कागजात के साथ जिससे सरकार को भी राजवंश की प्राप्ति होगी और जो बिचोलिया के पॉकेट में घुस रहा पैसा, वह सरकार के खाते में जायेगी जिससे क्षेत्र का भी विकास होगा.