न्यूज11, भारत
रांची: भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा इकोनामी वाला देश बन गया है. भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि ऐसा दूसरी बार हुआ है. महामारी के पहले भी भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ चुका था. लेकिन महामारी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के चलते ब्रिटेन आगे निकल गया था. अब भारत से बड़ी केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी की अर्थव्यवस्था हैं. ब्रिटेन अब छठवें नंबर पर खिसक गया, जिसे ब्रिटिश सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं हाल ही में जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यबवस्थापओं में से एक है. चालू वित्तम वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 13.5 फीसदी की दर से आगे बढ़ी है.
भारत पर ब्रिटेन ने शासन किया था. लेकिन जितने समय तक ब्रिटेन भारत को अपने अंतर्गत रख सका, उससे भी कम समय में भारत ने ब्रिटेन को अर्थव्यवस्था के मामले में पीछे छोड़ दिया है. भारत की अर्थव्य वस्था चालू वित्तीय वर्ष के दौरान करीब 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जताया गया है. इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्सड (एमएससीआई) में भारत का वजन तिमाही में दूसरे नंबर पर रहा है. वह इस मामले में सिर्फ चीन से पीछे था. अंतरराष्ट्री य मुद्राकोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के अनुसार, यह कैलकुलेशन अमेरिकी डॉलर को आधार मान कर किया गया है.
डॉलर एक्सफचेंज रेट के हिसाब से नॉमिनल कैश टर्म्स में भारतीय अर्थव्य वस्थाि का आकार मार्च तिमाही में 854.7 बिलियन डॉलर रहा. इसी आधार पर ब्रिटेन की अर्थव्यइवस्थार का साइज 816 अरब डॉलर था. आईएमएफ डेटाबेस और ब्लूगमबर्ग टर्मिनल के हिस्टोरिकल एक्सलचेंज रेट का इस्तेयमाल करते हुए यह कैलकुलेशन किया गया। कैश के मामले में दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी केवल 1 फीसदी बढ़ी है. इसमें महंगाई को एडजस्टि कर दिया जाए तो जीडीपी 0.1 फीसदी गिरी है. रुपये के मुकाबले पाउंड सटर्लिंग का प्रदर्शन डॉलर की तुलना में कमजोर रहा है. इस साल भारतीय करेंसी की तुलना में पाउंड 8 फीसदी ज्यादा कमजोर हुआ है. इसके बाद भारत अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे रह गया है. एक दशक पहले बड़ी अर्थव्यीवस्थासओं में भारत 11वें पायदान पर था. वहीं, ब्रिटेन 5वें पायदान पर था.