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रांची/डेस्क: ईरान स्थित चरक बंदरगाह जलपोत शिप रासा IMO में तैनाती के दौरान एक हादसे में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत तरतरा गांव के युवक मरीन इंजीनियर अहलाद महतो की मौत हो गई थी. इसके अलावा इस हादसे में उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक मरीन इंजीनियर शिवेंद्र प्रताप सिंह की भी मौत हो गई थी. इसके बाद दोनों के पार्थिव शरीर को भारत लाए जाने के लिए दोनों के परिजनों ने एक महीने तक इंतजार किया. ऐसे में रविवार 27 अप्रैल को अहलाद नंदन महतो के पार्थिव शरीर उसके परिजन कोलकाता एयरपोर्ट लेने पहुंचे. ऐसे में अहलाद का पार्थिव शरीर विमान से मध्य रात्रि कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचा. इसके बाद सोमवार 28 अप्रैल को उसके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव तरतरा लाया गया. उस समय वहां काफी लोग मौजूद थे. लेकिन गांव के लाल के अंतिम दर्शन के लिए इन्तजार कर रहे लोगों का हौसला पस्त हो गया. जब उसका शरीर ताबूत से खोला गया तो वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक मरीन इंजीनियर शिवेंद्र प्रताप सिंह का निकला. उसकी भी मौत ईरान स्थित चरक बंदरगाह जलपोत शिप रासा IMO में दर्दनाक हादसे के दौरान हुई थी. ऐसे में एक महीने के इन्तजार के बाद भी दोनों युवकों का शरीर अपने-अपने घर अपने परिजनों तक नहीं पहुंच पाया. दोनों के पार्थिव शरीर की अदला बदली हो गई थी. ऐसे में दोनों के परिजन सदमे में है.
इस घटना को लेकर मृतक अहलाद नंदन महतो के परिजनों से स्थानीय प्रशासन ने मुलाकात की और मृतक शिवेंद्र प्रताप सिंह के पार्थिव शरीर को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल स्थित शीतगृह में रखने के लिए उसी एम्बुलेंस से भेज दिया. वहां उसे उसके परिजनों के आने के बाद उसे सौंप दिया जाएगा. ऐसे में अहलाद के परिजनों को उसके पार्थिव शरीर लाने के लिए एक बार फिर से कोलकाता एयरपोर्ट जाना होगा. इसके लिए तैयारी की जा रही है.
रघुनंदन महतो जो की मृतक अहलाद नंदन महतो का भाई है, उसने कहा कि उन्हें अहलाद नंदन महतो के पार्थिव शरीर की शिनाख्त के लिए ताबूत में रखे शव को कोलकाता एयरपोर्ट पर देखना चाहिए था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. वहां से उन्हें बताया गया कि सब कुछ ठीक है. वह इसलिए खामोश रहे क्योंकि ताबूत में उनके भाई का नाम था और भारतीय दूतावास का प्रमाणपत्र भी. लेकिन जब घर में उसके भाई के पार्थिव शरीर के ताबूत को खोला गया तब सभी लोग स्तब्ध रह गए. उन्होंने आगे खा कि ईरान में स्थित भारतीय दूतावास की चूक के कारण अभी भी पीड़ित परिवार सदमे में है.