Wednesday, Jan 15 2025 | Time 14:24 Hrs(IST)
  • रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से गायब दो बहनों का कर्नाटक से हुआ सकुशल रेस्क्यू, मामला लव अफेयर से जुड़ा
  • शिक्षा मंत्री को शिक्षक संघों ने दिया ज्ञापन, जैक चेयरमैन अनिल कुमार महतो के खिलाफ 20 से ज्यादा शिकायतें
  • क्या आपने कभी सोचा है कि छींकने के बाद "Sorry" और सामने वाला "God Bless You" क्यों बोलते हैं? जानिए इसका दिलचस्प कारण
  • एक और शर्मसार कर देने वाला मामला, उत्तराखंड में नहाती लड़की का बनाया अश्लील वीडियो, आरोपी गिरफ्तार
  • आज से झारखंड के प्राइवेट स्कूलों में शुरू होंगी नर्सरी से आठवीं तक की क्लास
  • लोहरदगा के कुडू बस स्टैंड फायरिंग मामले में आरोपी सुभाष जायसवाल उर्फ छोटू की इलाज के दौरान मौत
  • ट्रेनों के ठहराव, अंडरपास और यात्री सुविधाओं के विस्तार की मांग को लेकर सांसद को सौंपा गया मांगपत्र
  • झारखंड बीजेपी आज रांची के अंबेडकर चौक से संविधान गौरव यात्रा का करेगी शुभारंभ
  • भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क का प्रवेश शुल्क 50 रुपये, लोग हुए नाराज
  • जैक चेयरमैन के अवधि विस्तार का विरोध, वित्तीय अनियमितता का लगा आरोप
  • वृद्ध खैरा में मकर संक्रांति पर भव्य मेला का हुआ आयोजन, आकर्षण का केंद्र है वेणुगोपाल मंदिर
  • बिजली बोर्ड में मैनपॉवर की भारी कमी, सात सालों से ठप है नियुक्ति की प्रक्रिया
  • इस सुपरफूड के सेवन से हो सकते है ये 5 बड़े नुकसान, जानें कैसे बचें इन समस्याओं से
  • रांची में 44 जर्जर सड़कों की बदलेगी सूरत, नगर निगम ने जारी किया 4 05 करोड़ रूपए का टेंडर
  • विकास भारती ने 42 वर्षों की यात्रा पूरी कर 43वें वर्ष में रखा कदम, परंपरागत कार्यक्रम और किसान मेले का हुआ आयोजन
NEWS11 स्पेशल


Janmashtami: गढ़वा के श्री बंशीधर नगर में 32 मन ठोस सोने के राधा कृष्ण की मूर्ति, प्राचीन काल और UP से जुड़ा हैं इतिहास!

Janmashtami: गढ़वा के श्री बंशीधर नगर में 32 मन ठोस सोने के राधा कृष्ण की मूर्ति, प्राचीन काल और UP से जुड़ा हैं इतिहास!

अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत 


गढ़वा/डेस्क: झारखंड के गढ़वा जिले के बंशीधर नगर में मंदिर का इतिहास नगर उंटारी राज परिवारों से जुड़ा है. झारखण्ड राज्य के उत्तर पश्चिम में स्थित गढ़वा जिला छोटानागपुर का एक अहम हिस्सा रहा है. इस जिले से झारखण्ड राज्य के पलामू जिले और अन्य तीन राज्यों जैसे बिहार के रोहतास, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र और छत्तीसगढ़ का सरगुजा जिले की सीमाएं लगती हैं. इसलिए इसे गेटवे ऑफ़ छोटानागपुर कहा जाता है. झारखंड की राजधानी रांची से गढ़वा जिले का मुख्यालय की दूरी 205 कि.मी.है. गढ़वा से लगभग 40 कि० मी० पश्चिम में मिर्जापुर सड़क मार्ग पर उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के संगमस्थल और रांची के चोपन रेललाइन पर स्थित है बंशीधर नगर एक अनुमंडल भी है. जहां पर सम्पूर्ण विश्व में अनुपम शताब्दियों प्राचीन वंशीधर श्रीकृष्ण की साढ़े चार फ़ीट ऊंची और बत्तीस मन स्वर्णिम निर्मित एक मोहक प्रतिमा अवस्थित है यह अद्भुत प्रतिमा भूमि में गड़े शेषनाग के फन पर निर्मित चौबीस पंखुड़ियों वाले विशाल कमल पर विराजमान है.


बंशीधर नगर राज परिवार के संरक्षण में यह वंशीधर मंदिर देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. कई दशकों से यहां प्रतिवर्ष फागुन महीने भर यहाँ आकर्षक एवं विशाल मेला लगता आ रहा है. मंदिर के प्रस्तर लेख और उसके पुजारी के अनुसार स्व० सिद्देश्वर तिवारी केद्वारा लिखित इतिहास के अनुसार सम्वत 1674 में नगर उंटारी के महाराज भवानी सिंह की विधवा रानी शिवमानी कुवंर ने लगभग बीस किलोमीटर दूर शिवपहरी पहाड़ी में दबी पड़ी इस कृष्ण प्रतिमा के बारे में स्वप्न देख कर जाना. रानी शिवमानी कुंवर कृष्ण भक्त, धर्मपरायण, और भगवत भक्ति में पूर्ण निष्ठावान थीं. साथ ही वे राज काज का संचालन भी कर रही थीं. 


बताया जाता है कि एक बार जन्माष्टमी व्रत धारण किये रानी साहिबा को मध्य रात्रि में स्वप्न में भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन हुआ था. स्वप्न में ही श्री कृष्ण ने रानी से वर मांगने को कहा. रानी ने भगवान श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु आपकी सदैव कृपा हम पर बनी रहे. तब श्री कृष्ण ने कहा कि कनहर नदी के किनारे शिवपहरी पहाड़ी में उनकी प्रतिमा गड़ी है. तुम आकर मुझे यहां से मुझे अपनी राजधानी में ले जाओ. साथ ही उन्हें सपने में वंशीधर श्रीकृष्ण की इसी प्रतिमा के दर्शन भी हुए. 


भगवत कृपा जानकर रानी ने अगले दिन सुबह यह बात राज परिवार के लोगों को बताई. रानी की भक्ति पर लोगों को विश्वास था. राज परिवार ने एक सेना प्रतिमा को खोजने के लिए भेज दी. रानी भी उस सेना के साथ-साथ गयी थीं. विधिवत पूजा अर्चना के बाद रानी की सेना ने शिवपहरी पहाड़ी में रानी के कहे अनुसार खुदाई की तो श्री वंशीधर श्रीकृष्ण की अद्वितीय प्रतिमा मिली. जिसे हाथियों पर बैठाकर नगर उंटारी लाया गया. रानी इस प्रतिमा को अपने गढ़ में स्थापित कराना चाहती थीं. परन्तु नगर उंटारी गढ़ के मुख्य द्वार पर अंतिम हाथी बैठ गया. लाख प्रयत्न के बावजूद हाथी नहीं उठने पर रानी ने राजपुरोहितों से मशविरा कर वहीँ पर मंदिर का निर्माण कराया. प्रतिमा केवल बंशीधर श्रीकृष्ण की ही थी. इसलिए बनारस से श्री राधा-रानी की अष्टधातु की प्रतिमा बनवाकर मंगाया गया और उसे भी मंदिर में श्रीकृष्ण के साथ स्थापित कराया गया.


इतिहासकार ऐसा अनुमान लगाते हैं कि यह प्रतिमा मराठो के द्वारा बनवाई गई होगी जिन्होंने वैष्णव धर्म का काफी प्रचार किया था और मूर्तियाँ भी बनवाई थीं. मुगलों के आक्रमण से बचाने के लिए मराठों ने इसे शिवपहरी पहाड़ी के कंदराओं में छुपा दिया गया था.इस मंदिर में 1760 के आस पास एक चोरी भी हुई थी. जिसमें भगवान बंशीधर की बांसुरी और छत्र चोर चुरा के ले गए थे. जिसे उन्होंने पास के ही बांकी नदी में छुपा दिया था. चोरी करने वाले अंधे हो गए थे. उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. परन्तु चोरी की हुई वस्तुएं बरमद नहीं हो पायीं. बाद में राज परिवार ने दुबारा स्वर्ण बांसुरी और छतरी बनवा कर मंदिर में लगवाया.


साठ एवं सत्तर के दशक में बिरला ग्रुप ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. आज भी श्री वंशीधर की प्रतिमा कला के दृष्टिकोण से अतिसुन्दर एवं अद्वितीय है. बिना किसी रसायन के प्रयोग या अन्य पोलिश के प्रतिमा की चमक पूर्ववत है. तो कभी आइये और बंशीधर श्रीकृष्ण की मनोहारी छवि के दर्शन करने.


अन्य देशो मे भी है श्रीवंशीधर की चर्चाः- कुछ वर्ष पूर्व आंतकियो द्वारा वंशीधर की प्रतिमा की चोरी करने की साजिश की खबर आने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था व मंदिर की पहचान की खबर देश के अलावे अन्य देशो मे भी फैला. वहीं 2018 से हर वर्ष राज्य सरकार द्वारा महोत्सव कराकर बॉलीवुड व हॉलीवुड के कलाकारो द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत करने के बाद से वंशीधर मे बाहरी पर्यटको का आने का सिलसिला प्रतिदिन देखा जाता है. शिव रात्रि महापर्व के अवसर पर विश्व विख्यात वंशीधर मंदिर मे एक माह तक लगने वाला मेला की तैयारी जोरो पर लगता है . मेला परिसर मे दुकाने भारी तादात में सजने लगती है. मेले की तैयारी के लेकर मंदिर ट्रस्टी के सदस्य तनमन से कार्य कर रहते हैं. 


बताया जाता है कि शिव रात्रि पर्व के अवसर पर मंदिर को आर्कर्षित रूप से सजाया जाता है तथा मंदिर के विद्वान पंडितो द्वारा पुजन अर्चन की जाती है. मेला आयोजन के दौरान झारखंड से सटे उतरप्रदेश, छतीसगढ, मध्यप्रदेश, बिहार, सहित अन्य राज्यो से श्रद्धालुओ की भीड मंदिर मे पुजन अर्चन करने आते है. 2018 में तत्कालीन  मुख्यमंत्री रघुबर दास के पहल से केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस जगह का 2018 से नगर उंटारी से श्री बंशीधर नगर हो गया है. श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पर हर साल मथुरा एवं वृंदावन की तरह मनाई जाती है. मौके पर एक सप्ताह तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाता है जिससे श्री बंशीधर नगर सहित आस पास के गांवों का माहौल भक्तिमय हो जाता है.

अधिक खबरें
बाबा वंगा की भविष्यवाणी 2025: किस महीने एलियंस आएंगे? पढ़ें बाबा वंगा की चौंकाने वाली भविष्यवाणी
जनवरी 07, 2025 | 07 Jan 2025 | 9:45 PM

विश्व प्रसिद्ध दिव्यदर्शी बाबा वंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2025 में एलियंस धरती पर वापस आएंगे, यह भविष्यवाणी इस समय सुर्खियों में है. उनकी पिछली कई भविष्यवाणियाँ बेहद सटीक रही हैं. नए साल के आगमन के साथ, ज्योतिषियों और विशेषज्ञों का सुझाव है कि 2025 एक भयावह वर्ष हो सकता है. बाबा वंगा की भविष्यवाणियों के अनुसार, उन्होंने संकेत दिया है कि एलियंस 2025 के अक्टूबर में धरती पर वापस आ सकते हैं. आइए उनकी भविष्यवाणियों पर करीब से नज़र डालें.

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक अल्बर्ट एक्का का 53वीं शहादत दिवस आज
दिसम्बर 03, 2024 | 03 Dec 2024 | 12:39 PM

1971 के भारत–पाक युद्ध के महानायक परमवीर अलबर्ट एक्का की आज (3 दिसंबर) को पुण्यतिथि है. उनका जन्म 27 दिसंबर 1942 को गुमला जिले के जारी गांव में हुआ था.

Jharkhand Election 2024: आखिर अचानक सुर्खियों में क्यों आया झारखंड का मुसलमान वोटर, जानिए क्या है सियासी गणित
नवम्बर 04, 2024 | 04 Nov 2024 | 9:47 PM

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म हो चुकी है. यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) से लेकर आदिवासी अस्मिता और घुसपैठ तक का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है. भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सोरेन की सरकार को हर मुद्दे पर विफल बताया है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में आदिवासियों को UCC से बाहर रखने का वादा किया है. साथ ही कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही घुसपैठियों को झारखंड की सीमा से बाहर निकाला जाएगा. वहीं, इन सब के बीच अब मुस्लिम वोटों के गणित को लेकर भी चर्चा होने लगी है.

जब रतन टाटा ने भारत को दी पहली स्वदेशी कार, 26 साल पहले उन्होंने ऐसे किया था कमाल
अक्तूबर 10, 2024 | 10 Oct 2024 | 3:01 AM

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली. वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. भले ही आज हमारे बीच में वे अब नहीं रहे. लेकिन ऑटो सेक्टर में रतन टाटा के योगदानों कभी नहीं भुलाया जा सकता है.

पहाड़ों की मल्लिका नेतरहाट में छुपा हुआ है स्वर्ग, आइये जानते है इसके बारे में..
सितम्बर 29, 2024 | 29 Sep 2024 | 2:13 PM

जिले में प्रकृति ने एक से बढ़कर एक बहुमूल्य उपहार दी है . उन्हें उपहार में एक नैना जलप्रपात भी है. हालांकि नैना जलप्रपात के बारे में अभी काफी कम लोग जानते हैं ,परंतु यह छुपा हुआ स्वर्ग है. नैना जलप्रपात नेतरहाट सनराइज प्वाइंट से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. नैना गांव में स्थित यह जलप्रपात अपनी अद्भुत सुंदरता और शांतिपूर्ण परिवेश के लिए जाना जाता है.