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रांची/डेस्क: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की सभी जेलों में बंदियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. अदालत ने झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) को निर्देश दिया है कि वे राज्य की सभी जेलों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बंदियों का समुचित इलाज सुनिश्चित करें.
कोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने यह आदेश दिया. अदालत ने कहा कि जेलों में बंदियों की चिकित्सा जांच में विशेष ध्यान दिया जाए, जिसमें मोतियाबिंद, डायबिटीज, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और अन्य गंभीर बीमारियों की जांच की जाए, और जरूरतमंद बंदियों को उचित इलाज प्रदान किया जाए.
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मेडिकल जांच कैंप की व्यवस्था विशेष रूप से जेल अदालत के दिनों में सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही, झालसा और डालसा द्वारा जेलों में आयोजित किसी भी जागरूकता कार्यक्रम के दौरान, सभी वृद्ध और बीमारियों से ग्रसित बंदियों के लिए चिकित्सा जांच कैंप का आयोजन किया जाए.
झालसा ने राज्य के सभी कारागृहों से स्वास्थ्य रिपोर्ट भी मंगवायी है. रिपोर्ट के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक उम्र के 164 बंदी हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 11 बंदी हैं. अदालत ने कहा है कि इन बंदियों की तुरंत चिकित्सा जांच करवाई जाए और जरूरत पड़ने पर उन्हें आवश्यक चिकित्सीय सहायता दी जाए.
झालसा ने सभी डालसा को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि वे बंदियों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करें और उनकी इलाज की प्रक्रिया में कोई भी देरी न होने पाए.