झारखंडPosted at: जून 20, 2024 जल स्त्रोतों के संरक्षण और साफ-सफाई मामले में हाईकोर्ट ने पेयजल सचिव और नगर आयुक्त को लगाई फटकार
अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर विकास सचिव को भी उपस्थित होने का दिया निर्देश
न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः राजधानी रांची के 3 डैम की साफ-सफाई, जल स्त्रोतों के संरक्षण और डैमों को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग पर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई के दौरान बुधवार (19 जून) के आदेशों के आलोक में रांची नगर निगम के नगर आयुक्त और पेयजल विभाग के सचिव ने कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज की. इस बीच कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उनसे सवाल पूछा साथ ही कहा कि हाईकोर्ट से पहले शहर में पीने के पानी में गंदगी पर विभाग का ध्यान क्यों नहीं जाता है. विभाग, हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद ही क्यों जागा. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के दौरान भी दोनों अधिकारियों को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया.
अगली सुनवाई में नगर विकास सचिव को हाजिर होने का निर्देश
मामले में सुनवाई के दौरान आज 20 जून (गुरूवार) को कोर्ट ने पेयजल विभाग के सचिव और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त से पूछा कि राजधानी के डैमों और बड़ा तालाब की साफ-सफाई के लिए लॉन्ग टर्म प्लान क्या है. इस पर दोनों अधिकारियों ने जवाब देते हुए कोर्ट को बताता कि इस विषय पर कई एजेंसियों से विचार-विमर्श किए जा रहे हैं. जिसमें नगर विकास विभाग की भी भूमिका है. जबतक सीवरेज का काम नगर विकास विभाग द्वारा पूरा नहीं किया जाएगा तबतक जलाशयों को साफ-सुथरा रखने में परेशानी होगी. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है. आपको बता दें, मामले में झारखंड सिविल सोसाइटी की तरफ से कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. मामले में सुनवाई के दौरान सिविल सोसाइटी की तरफ से हाईकोर्ट की अधिवक्ता खुशबू कटारूका ने अपना पक्ष रखा.