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रांची/डेस्क: रांची के विशेष CBI कोर्ट में उषा मार्टिन माइनिंग घोटाला से जुड़े अभियुक्त सुनील सिंह ने सरेंडर कर दिया है. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सशर्त बेल दे दी है. अदालत ने उन्हें 50 हजार के दो बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने के शर्त पर बेल देने की सुविधा दी है. जब सुनील सिंह पर कारसे हुए था, उस वक़्त वह उषा मार्टिन में कार्यरत थे. फिलहाल वह JSW में जीएम के पद पर कार्यरत है. उनके खिलाफ साल 2005 में उषा मार्टिन को माइंस आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप है.
IAS अरुण कुमार सिंह और इंद्रदेव पासवान को भी मिल चुकी है राहत
आपको बता दे कि साल 2005 में पश्चिमी सिंहभूम जिले के घाटकुरी में उषा मार्टिन कंपनी को एक लौह अयस्क खदान आवंटित की गई थी. इसमें आवंटन में कथित रूप से भ्रष्टाचार हुए थे. IAS अरुण कुमार सिंह और इंद्रदेव पासवान, जो इस केस के अन्य अभियुक्त है उन्हें इस मामले में बीते दिनों कोर्ट से राहत मिल चुकी है.
उषा मार्टिन के पक्ष में राज्य सरकार के अधिकारियों ने किया था पक्षपात
CBI के अनुसार, सुनील सिंह की भूमिका इस घोटाले में थी. इसपर धोखाधड़ी, कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत में 220/2016 में एक केस दर्ज करवाई थी. उषा मार्टिन के प्रमोटरों और खनन विभाग के अधिकारियों को को इस मामले के प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया था. प्राथमिकी के अनुसार, राज्य सरकार के अधिकारियों ने खदान के आवंटन के लिए केंद्र सरकार के भेजे गए सुझाव को लेकर उषा मार्टिन के पक्ष में पक्षपात किया था. कंपनी ने वादा किया था कि वह हाट गम्हरिया के अपने इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क का उपयोग करेगी. इसे लेकर राज्य सरकार को कंपनी ने एक अंडरटेकिंग भी दिया था. लेकिन CBI ने आरोप लगाया कि कंपनी यह कहते हुए मुकर गई कि इसका कोई विशेष जिक्र कैबिनेट नोट में नहीं था.