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जामताड़ा/डेस्क: जिले के प्रसिद्ध करमदाहा मेला और चिचुरबिल घाट का डाक 18 दिसंबर को जिला परिषद कार्यालय में किया जाएगा. इसको लेकर प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उप विकास आयुक्त निरंजन कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डाक प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो.
उल्लेखनीय है कि करमदाहा मेला जिले का एक 15 दिवसीय ऐतिहासिक मेला है, जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है. इस मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. मेले के आयोजन के मद्देनजर डाक की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पूरी कार्य योजना तैयार की है.
सुरक्षा के विशेष इंतजाम-
मेले और डाक के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष पुलिस बल की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही, सुरक्षा के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर गश्त और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की गई है. प्रशासन का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए आपातकालीन दल भी तैनात रहेंगे.
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं-
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए पेयजल, शौचालय, पार्किंग और विश्राम स्थलों जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की तैनाती का भी प्रबंध किया है.
प्रशासन की अपील-
उप विकास आयुक्त निरंजन कुमार ने कहा कि सभी श्रद्धालु और पर्यटक प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और मेले के आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि मेले की परंपरा और शांति बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है.
इतिहास और परंपरा-
करमदाहा मेला की 15 दिवसीय परंपरा सदियों पुरानी है और यह क्षेत्र के लोगों के लिए धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक मेलजोल का प्रतीक है. हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं और मेले की रौनक का आनंद लेते हैं. इस बार प्रशासन ने मेले को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो.