सीबीआई ने हजारीबाग में बढ़ाया जांच का दायरा, ब्लू डार्ट कंपनी के दफ्तर में ताला लगा पाया
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग स्थित NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक मामले में सीबीआई धीरे-धीरे जांच का दायरा बढ़ाते जा रही है. सीबीआई भी अभी तक यही मानकर चल रही है कि पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के प्राचार्य की भूमिका संदिग्ध है. ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और नीट परीक्षा के सिटी कॉर्डिनेटर एहसान उल हक से रातभर चली पूछताछ के दौरान सीबीआई ने सवालों का ऐसा जाल बिछाया कि एहसानुल हक उसमें उलझते चले गए. पूछताछ के लिए कई अलग-अलग अधिकारीयों को लगाया गया था, जो उनसे एक ही सवाल को अलग-अलग तरीके से पूछ रहे थे, और उनके जबाव में खामियां तलाश रहे थे.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने उनसे जानना चाहा कि प्रश्न पत्र के पैकेट में टेंपरिंग कैसे हुई. इसकी पड़ताल उन्होंने क्यों नहीं की. क्या उन्हें इस टेंपरिंग की जानकारी थी. उनसे यह चूक कैसे हुई. क्या उन्हें इस बात की जानकारी थी. प्रश्न पत्र के पैकेट के नीचे पेशेवर तरीके से पैकेट को खोलकर किसने फिर से बंद कर दिया. पूछताछ के क्रम में सीबीआई ने उनसे यह भी सवाल किया कि प्रश्न पत्र के पैकेट के नीचे कट मार्क्स कैसे हुए. वे खुद NTA के सिटी कॉर्डिनेटर है फिर उन्होंने इसे कैसे नजरंदाज किया. प्रश्न पत्र के पैकेट केंद्र पर 1.30 बजे पहुंच गए थे, बावजूद इसके पंद्रह मिनट विलंब से परीक्षा हाल में प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों के बीच क्यों वितरित किया गया, इतनी बड़ी चूक उनसे कैसे हुई.
सीबीआई ने उनसे यह भी पूछा कि प्रश्न पत्र का डिजिटल लॉक को खुद से खुल जाना चाहिए था फिर यह क्यों नहीं खुला. इधर यह भी जानकारी मिली है कि मामले में हजारीबाग से जुड़े दो लोगों को लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने पीआर बांड पर छोड़ा है. उन्हें फिर पूछताछ के लिए सीबीआई तलब कर सकती है. इस बीच खबर मिली है कि सीबीआई जांच के लिए ब्लू डार्ट कुरियर कंपनी के दफ्तर भी गई मगर वहां ताला लटका मिला.