प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- बरही प्रखण्ड के रसोइया धमना मोड एन एच 02 पर अंडरपास बनाने का ग्रामीणों का काफी पुराना मांग था, जिसको लेकर ग्रामीणों ने सांसद, विधायक, उपायुक्त, एस डी एम, अंचलाधिकारी सहित संबंधित सभी लोगो के पास गए और अपनी समस्याओं को बताते हुए रसोईया धमना मोड़ पर अंडर पास बनाने की मांग किया. एन एच आई के परियोजना निदेशक हजारीबाग के लिखित आवेदन में सभी जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों अनुशंसा उक्त हस्ताक्षर करवा कर दिया. आवेदन के माध्यम से ग्रामीणों का पक्ष था की रसोइया धमना पंचायत में करीब पांच हजार की आबादी है, वहीं ठीक रसोइया धमना पंचायत से सटे एक और पंचायत भी है जो बेन्दगी है जिसकी भी आबादी करीब तीन हजार है। उक्त सभी ग्रामीणों का आना-जाना रोड़ इस पार से उस पार लगा रहता है क्योंकि मोड के उस पार शमसान घाट, कब्रिस्तान, ईदगाह के अलावा किसानों की खेती-बारी है. हिन्दु-मुस्लिम सभी का अंतिम यात्रा रोड के उस पार जाना पड़ता है, यहां तक की किसान पैदल जानवर लेकर उस पार जाता है जिसके कारण कई बार दुर्घटनाएं भी हुई है और कई लोगों की जाने भी गई, अभी चार लाईन सड़क होने पर दिन-प्रतिदिन दुर्घटनाएं होती रहती है, अब यह आठ लाईन का रोड निर्माण हो रहा है तो हमे लगता है कि इस पार से उस पार होने में हम सभी ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. यहां तक की एनएचआई के उच्च अधिकारियों से हम सभी ग्रामीणों को पता चला कि रसोइया धमना मोड से लेकर बाईपास से बरही की ओर जाने वाले रास्ते तक एक भीओपी का निर्माण किया जा रहा है, जिसके कारण हम सभी ग्रामीणों को उस पार जाने के लिए करीब 1.5 किमी की दूरी तय करने के बाद पुनः रसोइया धमना आना होगा इस प्रकार हम सभी रसोइया धमना ग्रामवासियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों के समस्याओं को देखते हुए रसोईया धमना मोड़ पर अंडर पास निर्माण करने की अनुमति एनएचआई द्वारा दे दिया गया है, साथ ही कार्य को गति प्रदान करने के लिए रसोईया धमना मोड़ के एक तरफ के रोड़ को ब्लॉक भी कर दिया गया है. जिससे ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है. उक्त समस्या को सड़क से जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारी तक पहुंचने एवं अंडर पास निर्माण करवाने के लेकर रसोईया धमना छोटकी बरही निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मो तौकीर ने दिन रात एक कर मेहनत किया जिसके कारण आज रसोईया धमना मोड़ पर अंडर पास का निर्माण हो रहा है, जिससे मोड़ पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.