न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड सीपीआई (माओवादी) साजिश मामले में एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. झारखंड के बोकारो जिले के गोविंदपुर (बी) निवासी बच्चा सिंह उर्फ बच्चा बाबू सिंह को कल एनआईए ने गिरफ्तार किया. आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) और उसके शीर्ष नेताओं से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था. वह संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने और झारखंड और अन्य स्थानों पर इसकी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए धन एकत्र करने में शामिल था. मामले में आगे की जांच जारी है.
एनआईए ने झारखंड सुरक्षा बल हमले मामले में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों/ओजीडब्ल्यूएस के परिसरों की तलाशी ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) आतंकवादी संगठन के कैडरों द्वारा फरवरी 2024 में सुरक्षा बलों पर हुए हमले के सिलसिले में शनिवार को झारखंड के बोकारो जिले में कई स्थानों पर तलाशी ली. एनआईए की टीमों ने आठ स्थानों पर संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओडब्ल्यूजी) के परिसरों की तलाशी ली और लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड जैसे डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ सिम कार्ड, पॉकेट डायरी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. एनआईए की जांच के अनुसार, जिन संदिग्धों/ओजीडब्ल्यू के परिसरों की तलाशी ली गई, वे सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों से जुड़े थे और रसद सहायता प्रदान करने और लेवी के पैसे वसूलने में मदद करते थे.
मामला RC-01/2024/NIA-RNC सीपीआई (माओवादी) के नेताओं/कैडरों की गैरकानूनी गतिविधियों और संगठन द्वारा बोकारो के चतरो-चट्टी पुलिस स्टेशन के जंगल क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर किए गए हमले से संबंधित है. घटना के दिन, प्रतिबंधित संगठन के कमांडरों ने अपराध करने, युवाओं की भर्ती करने और लेवी वसूलने और सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश रचने के लिए 15-20 नक्सली कैडरों के साथ जंगल क्षेत्र (सुंदरी पहाड़ी) में डेरा डाला था. मिली जानकारी के आधार पर झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके दौरान नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की, लेकिन घने जंगल और झाड़ियों का फायदा उठाकर नक्सली भागने में सफल रहे.
हालांकि, तलाशी अभियान के दौरान स्थानीय पुलिस को डिजिटल डिवाइस, नक्सल साहित्य और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जिसने आईपीसी, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सीएलए अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रारंभिक मामला दर्ज किया. एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और जून 2024 में मामला फिर से दर्ज किया. एजेंसी अपनी जांच जारी रखे हुए है.