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रांची/डेस्क: डीडीयू-जीकेवाई के तहत गरीब ग्रामीण युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान कर सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है. परियोजना का मुख्य लक्ष्य गरीब ग्रामीण युवाओं को विभिन्न रोजगार में कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराता है. डीडीयू-जीकेवाई गरीब परिवारों के 18 से 35 आयु वर्ग के युवाओं को निःशुल्क आवासीय कौशल प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराता है.
इन परियोजना के अंतर्गत युवाओं को अपने पसंद के ट्रेड में प्रशिक्षण लेकर संगठित क्षेत्र में नौकरी में जुहने के अवसर उपलब्ध होते हैं. युवाओं को नौकरी उपलब्ध होने के बाद भी पोस्ट प्लेममेंट सपोर्ट के रूप में 2 से 8 माह तक महयोग राशि का प्रावधान है. झारखण्ड में सभी प्रखंडों में क्रियान्वित में अब तक 78,286 युवा कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है और करीब 44,240 युवा अच्छी जगह नौकरी कर अपने साथ ही अपने परिवार को जीवन स्तर में सुधार ला रहें है.
डीडीयू-जीकेवाई की मदद से चम्पा बनी आत्मनिर्भर, चला रहीं घर...
बोफारी जिले के चंदनकियारी ब्लॉक में रहने वाली चम्पा कुमारी के परिवार की आर्थिक स्तिभि ठीक नहीं थी. उनके पिता कृषि करते हैं और उनकी माँ एक गृहिणी हैं. उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था. जॉब रिसोर्म पर्सन (जेआरपी) द्वारा प्रेरित होकर अपना खुद का पहचान बनाने और परिवार की सहायता के बारे में मोचकर उन्होंने डीडीयूजीकेचाई अंतर्गत निःशुल्क जनरल ड्यूटी असिस्टेंट कोर्स, मेंहीलर्स आर्क रिमोर्गेज प्राइवेट लिमिटेड, कामरे, रांची में जीडीए (जनरल कयूटी असिस्टेंट) एडवांस फोर्स किया.
चम्पा को प्रशिक्षण की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद, हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल' द्वारा जेएसएलपीएस के तहत प्रमाणित किया गया और बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल में जनरल ड्यूटी असिस्टेंट को रूप में प्लेसमेंट दिया गया. अब वह अपने परिवार की कमाने बाली सदस्य हैं. वह अपनी नौकरी में प्रप्ति माह 11000 रुपये कमा रही है और उनके माता-पिता अपनी बेटी की नई यात्रा से बेहद खुश हैं.
उन्हें अब और भी कई जगह से नौकरी के ऑफर आ रहे हैं. चम्पा अब एक सुखी और सुरक्षित जीवन जी रही है. जिसका पूरा श्रेय यो डीडीयू-जीकेवाई की देती हैं.
चम्पा कुमारी ने कहा कि कमजोर आर्थिक स्थिति से हमारे जीवन में काफी उठार चढ़ाव आए, लेकिन टीडीयू जीकेवाई के जरिए आज हमारी जिंदगी सही दिशा में मुड़ चुकी है. मैं आज अपने पैरों पर खड़ी होकर बहुत गर्व महसूस करती हूं.