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रांची/डेस्क: इस दुनिया में अगर कोई किसी से सबसे ज्यादा प्यार करता है तो वो होता है एक बच्चा, जो अपनी मां से सबसे ज्यादा प्यार करता हैं. त्यौहारों का मौसम है और ऐसे मौसम में हर तरफ खुशहाली छाई रहती है पर इन खुशियों के बीच किसी के जिंदगी में मातम छाया हुआ हैं. काम को लेकर हर किसी को परेशानी होती हैं. कभी किसी को एक ही कंपनी में काम करने की तो कभी किसी को अपने कंपनी को कैसे आगे ग्रो करने की पर इस बीच लोग अपनी इंसानियत कैसे भूल सकते हैं? एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने लोगों को अंदर से झंझोरकर रख दिया हैं. इस खबर को सुनने और देखने के बाद शायद ही कोई ऐसी कंपनियां में काम करना पसंद करेंगे.
जानें पूरा मामला
दरअसल, यह मामला ओडिशा के डेरेबिस ब्लॉक की है, जहां महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत एक गर्भवती क्लर्क वर्षा प्रियदर्शिनी को छुट्टी नहीं मिली थी. जिसके कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद विभाग में आक्रोश फैल गया हैं. आरोप यह है कि Child Development Project Officer (CDPO) स्नेहलता साहू ने वर्षा को लगातार प्रताड़ित किया और प्रसव पीड़ा होने के बावजूद न तो छुट्टी दी और न ही मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई.
तीन सालों चला आ रहा यह सिलसिला
वर्षा प्रियदर्शिनी ने यह आरोप लगाया है कि पिछले तीन वर्षों से वह CDPO के उत्पीड़न का शिकार हो रही थी और उनकी प्रेग्नेंसी के दौरान यह प्रताड़ना और भी ज्यादा बढ़ गई. उन्होंने बताया है कि प्रसव पीड़ा के दौरान भी अधिकारी ने उन्हें ऑफिस से जाने की अनुमति नहीं दी और जब उन्होंने मदद मांगी, तो उन्हें अपमानजनक तरीके से जवाब दिया. बाद में उनके परिवार वालों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उनके गर्भस्थ बच्चे की मृत्यु की पुष्टि की.
जांच के बाद सख्त कार्रवाई की मांग
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य की Deputy Chief Minister प्रवती परिदा ने फौरन कार्रवाई करते हुए CDPO स्नेहलता साहू को उनके पद से हटा दिया. इतना ही नहीं साथ ही कलेक्टर को इस घटना की पूरी जांच करने का आदेश दिया हैं. वहीं इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि जांच के बाद मामले में सख्त कदम उठाए जाएंगे.
कलेक्टर ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि जांच पूरी होने के बाद कठोर कदम उठाए जाएंगे. Block Development Officer अनिरुद्ध बेहेरा ने भी उच्च अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट भेजने की बात कही हैं. पीड़िता वर्षा ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत दी है और आरोपी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं.