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रांची/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को मॉस्को क्रेमलिन के सेंट कैथरीन हॉल में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल से सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि पीएम मोदी को यह पुरस्कार वर्ष 2019 में दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे आज शारीरिक रूप से ग्रहण किया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस और भारत के बीच एक विशेष रणनीतिक साझेदारी और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पीएम मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया. इस पुरस्कार की स्थापना 1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट ने सेंट एंड्रयू के सम्मान में की थी, जो यीशु के पहले प्रेषित और रूस के संरक्षक संत थे. यह केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए ही दिया जाता है.
राष्ट्रपति पुतिन ने दी बधाई
राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि यह हमारे देशों के बीच मित्रता और आपसी समझ को मजबूत करने में आपके द्वारा किए जा रहे ईमानदार योगदान के लिए रूस की ओर से आपके प्रति कृतज्ञता का प्रमाण है. आपने हमेशा हमारे देश के साथ व्यापक संपर्कों की वकालत की है. जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब आपने अपने राज्य को रूसी क्षेत्रों के साथ जोड़ने की पहल की थी. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि प्रिय मित्र, मैं तहे दिल से आपको इस सर्वोच्च रूसी पुरस्कार के लिए बधाई देना चाहता हूं और आपके अच्छे स्वास्थ्य, सफलता और सभी को शुभकामनाएं देता हूं. भारत के मित्रवत लोगों के लिए मैं शांति और समृद्धि की कामना करता हूं.
रूसी-भारतीय सहयोग के लिए एक लचीला ढांचा बनाने में आपका योगदान अहम: पुतिन
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. पुतिन ने कहा कि आप 10 वर्षों से भारतीय सरकार के शीर्ष पर हैं. आपने वास्तव में रूसी-भारतीय संबंधों को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया है. आपके प्रत्यक्ष समर्थन से, रूस और भारत बड़े पैमाने पर व्यापार, आर्थिक, उच्च तकनीक और अंतरिक्ष अन्वेषण में परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा को लागू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में रूसी-भारतीय सहयोग के लिए एक लचीला ढांचा बनाने में आपका योगदान, जहां हमारे दोनों देश बहुध्रुवीयता के सिद्धांतों की रक्षा कर रहे हैं. स्थिरता, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं, और ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के भीतर मिलकर काम कर रहे हैं.