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रांची/डेस्क: भारत की कुल 1319 जेलों में से एक, गुजरात की साबरमती जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है. यहाँ कई हाई प्रोफाइल अपराधियों को रखा जाता है, जिनमें कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) भी शामिल हैं. लॉरेंस बिश्नोई पर 79 मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें से 10 मामलों में उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए जरूरी है. फिलहाल, उसके खिलाफ चल रहे 40 मुकदमे अदालत में लंबित हैं.
लॉरेंस पिछले 14 महीनों से जेल से बाहर नहीं आया है और न ही अगले 12 महीनों तक देश के किसी भी राज्य की पुलिस उसे जेल से बाहर ला सकती है. भारत के गृह मंत्रालय द्वारा एक विशेष धारा के तहत लॉरेंस बिश्नोई को सुरक्षा कवच मिला हुआ है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस जेल की सुरक्षा कितनी प्रभावी है और इसमें गैंगस्टर्स को रखने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं.
साबरमती जेल की सुरक्षा व्यवस्था
देश में कुल 1319 जेलें हैं, लेकिन इस समय सभी की निगाहें गुजरात की साबरमती जेल पर टिकी हुई हैं, जहां कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) बंद है. लॉरेंस के अलावा इस जेल में फिलहाल 2600 कैदी भी हैं. सुरक्षा की दृष्टि से, साबरमती जेल में अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और अन्य सुरक्षा उपकरण शामिल हैं. यहां कैदियों पर लगातार निगरानी रखी जाती है. विभिन्न प्रकार के अपराधों में शामिल कैदियों को अलग-अलग बैरकों में रखा जाता है ताकि उनके बीच कोई झगड़ा न हो. इस जेल में कैदियों को बाहरी लोगों से सीधे संपर्क करने की अनुमति नहीं होती है.
लॉरेंस बिश्नोई कहाँ कैद है?
गुजरात की साबरमती जेल दो हिस्सों में बंटी हुई है. लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) को पुरानी जेल में रखा गया है, जहां 10 कमरे हैं. इनमें से 9 कमरे पूरी तरह खाली हैं, और 10वें कमरे में लॉरेंस पूरी तरह अकेला रह रहा है. जब से लॉरेंस को साबरमती जेल में लाया गया है, तब से वह किसी भी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिला है. न ही उसके घर से कोई उससे मिलने आया है. लॉरेंस के वकील की भी उससे सीधी मुलाकात नहीं हुई है; कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बातचीत होती है. इसके अलावा किसी और को लॉरेंस से मिलने की अनुमति नहीं है, और साबरमती जेल के कुछ ही स्टाफ सदस्य लॉरेंस से मिल सकते हैं.