अर्क/न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन नवल टाटा का निधन हो गया है. वे 86 वर्ष के थे. टाटा संस के मानद चेयरमैन, रतन टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बढ़ती उम्र के कारण उनकी सेहत में कई समस्याएं आईं. देशभर में रतन टाटा को अपार सम्मान प्राप्त था, और टाटा समूह ने उनके निधन की पुष्टि की है. उनका निधन भारतीय उद्योग और पूरे देश के लिए एक गहरा सदमा लेकर आया है. रतन टाटा ने कई अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियों के जरिए टाटा ग्रुप को पूरी दुनिया में स्थापित किया और भारतीय उद्योग को एक नई दिशा दी. उनकी मृत्यु की खबर से भारतीय उद्योग जगत में एक शोक का माहौल है.
प्रधानमंत्री समेत कई हस्तियों ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु व्यक्ति और असाधारण इंसान बताया.केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि श्री रतन टाटा के निधन से दुःख हुआ. वह भारतीय उद्योग जगत के महान नायक थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है. उनके परिवारवालों, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदनाएं. उसकी आत्मा को शांति मिलें.
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे. उन्होंने परोपकार और व्यापार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है.
रतन टाटा का सफर
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ है. 1991 में समूह के चेयरमैन बनने के बाद, उन्होंने 2012 तक इस पद पर कार्य किया. उन्होंने 1996 में टाटा सर्विसेज और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कई कंपनियों की स्थापना की है. विनम्रता के लिए प्रसिद्ध रतन टाटा वर्तमान में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन हैं, जिसमें सर रतन टाटा ट्रस्ट और अन्य संबंधित ट्रस्ट शामिल हैं. उनका भारत के कारोबारी जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और उन्हें पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किया गया.लंबे समय से उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठ रही थी.
रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर,1937 को हुआ. वे एक अरबपति होने के साथ-साथ एक सहृदय, सरल और नेक व्यक्ति के रूप में भी जाने जाते हैं. उनके साथ जुड़े कई किस्से हैं जो बताते हैं कि उन्होंने अनेक लोगों की मदद की. देश की प्रगति में उनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.