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रांची/डेस्क: नवरात्रि के शुभ अवसर पर हर जगह मां की मूर्ति की स्थापित की गई है. वहीं रांची से करीब 150 किलोमीटर दूर इटखोरी में स्थित मां भद्रकाली मंदिर में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. मां भद्रकाली मंदिर झारखंड के प्रसिड़ मंदिरों में से एक है. नवरात्रि के नौवें दिन मां भद्रकाली मंदिर में मां सिद्धिदात्री की पूजा की गई. पूजा के दौरान सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर माता के सामने संधि बलि दी गई. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.
मां भद्रकाली का किया गया विशेष श्रृंगार
पूजा के बाद सही समय पर संधि बलि दी गई. जिसमें सामील होने के लिए झारखंड के कई इलाकों के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार से भी माता के भक्त मंदिर प्रांगण में मौजूद थे. संधि बलि के बाद मां भद्रकाली की महाआरती की गई. आरती के बाद हवन पूजन किया गया. वहीं इस अवसर पर मां भद्रकाली का विशेष श्रृंगार भी किया गया.
मां काली का नही निकला हुआ है जीभ
मंदिर के मुख्य पुजारी श्री नागेश्वर जी ने न्यूज़11 भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि मां भद्रकाली मां मंगल काली है. इस वजह से उनकी जीभ बाकी मां काली की तरह बाहर की तरफ निकली हुई नहीं है. मां से जो सभी मनोकामना की कामना की जाती है. मां उसकी पूर्ति हमेशा करती है. मंदिर प्रांगण में मां भद्रकाली के अलावा भगवान शिव, भगवान पंचमुखी हनुमान और भगवान शनि की भी मंदिर है. वहीं मंदिर से थड़ी दूर पर भगवान शिव का ऐसा शिवलिंग है. जिसके मस्तिष्क के ऊपर ठहरा हुआ जल कभी नहीं सूखता है.
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