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रांची/डेस्क: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नए केंद्रीय अधक्ष बने हैं. वहीं, शिबू सोरेन संस्थापक संरक्षक की भूमिका में रहेंगे. कार्यकारी अध्यक्ष का पद पार्टी ने खत्म किया है. ये फैसला जेएमएम का 13वां केंद्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन हुआ. गुरुजी शिबू सोरेन ने हेमंत सोरेन के नाम की घोषणा की है. बता दें कि 1987 में पहली बार शिबू सोरेन को पार्टी अध्यक्ष की कमान मिली थी. शिबू सोरेन 38 वर्षों तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. चार दशक के बाद शिबू सोरेन की भूमिका बदलने जा रही है. इससे पहले 2015 में हेमंत सोरेन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. वहीं, 284 लोगों को केंद्रीय समिति में जगह मिली है.
गुरु जी ने पार्टी को पार्टी की तरह नहीं बल्कि एक परिवार की तरह लेकर: हेमंत सोरेन
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि महाअधिवेशन अंतिम पड़ाव पर है. एक लंबी यात्रा के बाद, एक और लंबी यात्रा जेएमएम कैसे तय करेगी , पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी, यह सारी चीज इस महाअधिवेशन में समाहित है. इस पड़ाव के बाद हम लंबी यात्रा के लिए आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुजी कभी परिचय के मोहताज नहीं रहे. हर वर्ग ने मिलकर आदरणीय श्री शिबू सोरेन को गुरुजी बनाया. हर किसी के लिए गुरु जी ने अपनी जवानी कुर्बान कर दी. सुमित संसाधनों के बीच राज्य की जनता की सुरक्षा का इन्होंने संकल्प लिया. सामंती विचारों के खिलाफ लोहा लेना कोई साधारण बात नहीं. पूरे देश में गुरु जी का नाम है. गुरु जी ने पार्टी को पार्टी की तरह नहीं बल्कि एक परिवार की तरह लेकर चले. पार्टी का हर सदस्य उनके लिए एक बराबर. सबको उन्होंने एक नजर से देखा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे एक बड़ी जिम्मेवारी दी गई है. गुरुजी जब मंच संभालते थे तो अच्छे-अच्छे लोगों का पेंट गीला हो जाया करता था. पार्टी में नई पीढ़ियों का समावेश. अपने आंदोलनकारी साथियों के विचारों को हमें आगे लेकर जाना है. झारखंड पूरे विश्व में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था. आए दिन कोई न कोई यहां आता रहा, यहां के लोगों के हक और अधिकार को कुचलता रहा. जो राज्य पूरे देश का पेट पालता हो उस राज्य के लोग भूख से मरे यह दिन भी हमने देखा है. पूरे देश के किसान आज होतोसाहित हैं. किसानों के संघर्ष को इस देश ने देखा है. किसानों के संघर्ष के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा. हेमंत सोरेन ने कहा कि, हक अधिकार की लड़ाई पूंजीपति और व्यापारी नहीं लड़ते, कमजोर शोषित लड़ते हैं. देश में उच्च-नीच, जात-पात, अगड़ा-पिछड़ा खत्म नहीं हुआ. राज्य हमने लिया अब इस राज्य को सजाना और संवारना है. इस राज्य के लिए हमारे कार्यकर्ताओं को भी संकल्प लेने की जरूरत है.
केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अध्यक्ष की घोषणा के बाद मैं काफी देर तक भावुक रहा. पहले गलतियों को सुधारने का मौका था. अब कोई मौका नहीं. पार्टी के अंदर अनुशासन सबसे जरूरी. विधायक, सांसद, मंत्री या प्रखंड, जिला स्तर के कार्यकर्ता, सबके लिए अनुशासन जरूरी है और एक समान है. ईमानदारी से पार्टी के प्रति समर्पण से ही पार्टी का विस्तार संभव है. बहुत ही आशा और उम्मीद के साथ जेएमएम को मौका मिला है. जो बहुमत आया उस में थोड़ी सी कमजोरी भी रही. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता जुमले पर नहीं हकीकत पर जाती है. जीत जितनी बड़ी लोगों की उम्मीदें उतनी बड़ी. आज तो गली-गली, मोहल्ला-मोहल्ला पार्टी हो गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा एक पार्टी नहीं इस राज्य के जन जन की सोच और विचार है. हमारे समक्ष चुनौतियां बढ़ी है. आधी आबादी के हक के लिए हम भी नीति निर्धारण कर रहे हैं कानून बना रहे हैं. जेएमएम में अब जिला अध्यक्ष महिला भी होगी. हेमंत सोरेन ने कहा कि आप सभी के सहयोग की मुझे जरूरत है. चुनाव आने से पहले परिणाम घोषित, ऐसा माहौल राज्य में तैयार करना है. गलत के खिलाफ हमें खड़ा होना होगा. कैसे लेंगे झारखंड, लड़ कर लेंगे झारखंड, इस नारा को हम लोगों ने मंजिल तक पहुंचा दिया.
13वां केंद्रीय महाधिवेशन का दूसरा दिन
आज,मंगलवार (15 अप्रैल) को जेएमएम का 13वां केंद्रीय महाधिवेशन का दूसरा दिन हैं. यह दो दिवसीय महाधिवेशन रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में बने बाबासाहेब अंबेडकर प्रांगण में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की अध्यक्षता में आयोजन किया गया हैं. इसमें झारखंड समेत बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पं. बंगाल जैसे राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं.
जिलावार केंद्रीय समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जिलावार केंद्रीय समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा कर दी है. 284 लोगों को केंद्रीय समिति में जगह मिली है.