जिस ओकनी तालाब पर कभी कब्जा नहीं हो पाया, उसपर कब्जे के लिये 40 साल बाद पहल, पूरे तालाब और उसके क्षेत्रफल कुल 14.5 एकड़ पर दावा
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग के बीच शहर में 14.5 एकड़ क्षेत्र में फैले हजारीबाग ओकनी तालाब पर कब्जे के लिये अब 40 साल बाद इसके कथित खरीदारों ने पहल करते हुए ऑनलाइन आवेदन, सदर अंचल में किया है, जिसमें मो. सुलेमान के पुत्रों क्रमशः शहनवाज जमील, आरिफ जमील शाहदान जमील ने रजिस्ट्रेशन डीड 6479 दिनांक 22.3.72, जिसकी खरीदगी राजा बहादुर इंद्र जीतेन्द्र नारायण सिंह (अभिभावक स्व. राजा बहादुर कमाख्या नारायण सिंह), महारानी ललिता राजलक्ष्मी (अभिभावक स्व. राजा बहादुर कमाख्या नारायण सिंह) और महाराजमाता शशांक मंजरी देवी (स्व. महाराज कुमार लक्ष्मी नारायण सिंह) से दिखाते हुए ओकनी 1 में अवस्थित तालाब खाता 62, प्लॉट 122, रकवा 1462 डिसिमिल तथा खाता 62, प्लॉट 62 रकवा 120 डिसिमिल जमीन के म्यूटेशन का अनुरोध किया हैं.
गौरतलब है सैकड़ों सालों से ओकनी तालाब का वजूद सार्वजनिक तालाब के रूप में ही रहा है, जिसे राजा रामगढ़ परिवार भी कब्जे में नहीं ले पाए. जमींदारी उन्मूलन के बाद राजपरिवार की जमीन पर राज्य सरकार का दखल कब्जा हो गया पर रिटर्न दाखिल नहीं करने के कारण पहले भी चोरी छिपे जमीन बिकती रही और आज भी बिक रही है और उसी में यह तालाच का दशकों पहले गुपचुप रूप से सौंदा कर लिया गया. कब्जे की पहल हुई पर अंग्रेजों के समय से सार्वजनिक तालाब का नेचर लिखा होने के कारण दावा खारिज होता रहा. सवाल यह है कि अब कुछ लोग कैसे तालाब के लिये निचली अदालत में चले और केस हार कर दोवदारों के पक्ष को मजबूत कर चुप लगा गए यह अबतक लोग समझ नहीं पा रहे हैं. इसी के आधार पर कथित दावेदारों ने हाईकोर्ट में तब दरवाजा खटखटाया.
ओकनी तालाब को बचाने के लिये बनी हजारीबाग पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट
ओकनी तालाब की लड़ाई अब हजारीबाग पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट लड़ेगी. ट्रस्ट के रूप में निबंधन के बाद पहल शुरू कर दी गई हैं. इसके लिये ओकनी के पूर्व वार्ड पार्षद विश्वनाथ विश्वकर्मा को संरक्षक बनाया गया हैं. संस्था ने कानूनी लड़ाई के साथ- साथ ओकनी और आसपास के लोगों को एकजुट करना शुरू कर दिया हैं. इसके लिये एनजीटी में भी आवेदन दिया गया है और गुहार लगायी गयी हैं. वहीं मामले में कई अधिवक्ताओं ने मामले में सहयोग देने के लिये संपर्क किया हैं. गौरतलब है कि इस तालाब के चारों और बड़ी आबादी बसती है और तालाब और तालाब की जमीन पर कब्जे को लेकर सक्रिय हुए जमीन दलालों को लेकर विरोध शुरू कर दिया हैं.