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रांची/डेस्क: झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक 2024 शुक्रवार को सदन से पारित हो गया. अब राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार खनिजों के खनन पर उपकर वसूलेगी. इससे राज्य में विकास को एक नयी गति मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को एक आदेश में राज्य सरकारों को खनिज धारित भूमि पर उपकर संग्रहण की शक्ति दी थी. इसके आलोक में झारखंड सरकार ने विधानसभा से झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक 2024 पास करा लिया. अब झारखंड में उपलब्ध तमाम खनिजों के उत्पादन के आधार पर राज्य सरकार कर वसूलेगी. आइये जानते हैं कि किन खनिजों की भूमि पर कितना कर राज्य सरकार वसूलेगी.
खनिज धारित भूमि का प्रकार सेस की दर (प्रति मीट्रिक टन)
कोयला धारित भूमि 100 रूपये
लौह अयस्क धारित भूमि 100 रूपये
बॉक्साइट धारित भूमि 70 रूपये
चूना पत्थर धारित भूमि 50 रूपये
मैगनीज अयस्क धारित भूमि 50 रूपये
अन्य खनिज धारित भूमि रॉयल्टी का 50 फीसदी
इस राशि की वसूली से राज्य सरकार के खाते में हज़ारों करोड़ रूपये का फायदा होगा. राज्य सरकार के राजस्व में फायदा होने से राज्य में विकास की योजनायें भी गति पकड़ सकती हैं. इस राशि को सरकार झारखंड में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा सेवायें, कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता के साथ कई अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राशि का इंतज़ार कर सकेगी.