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रांची/डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आबकारी नीति अनियमितताओं के मामले में बीआरएस नेता के कविता को जमानत दे दी. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कविता को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने कविता के खिलाफ कई शर्तें भी लगाईं, जिसमें सबूतों से छेड़छाड़ न करना और मामले में गवाहों को प्रभावित न करना शामिल है. शीर्ष अदालत ने उन्हें सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने का निर्देश दिया. साथ ही शीर्ष अदालत ने उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि कविता पांच महीने से सलाखों के पीछे है और मुकदमे को पूरा होने में लंबा समय लगेगा, क्योंकि 493 गवाह और कई दस्तावेज हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सह-आरोपियों के बयानों पर भरोसा किया जा रहा है, जिन्हें क्षमादान दिया गया है और सरकारी गवाह बनाया गया है. मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी किसी को भी चुन-चुनकर नहीं ले सकती. के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस आधार पर उनकी जमानत की मांग की कि सह-आरोपी मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है. कविता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी ने आगे कहा कि वह एक महिला और मौजूदा एमएलसी हैं और इसलिए उनके भागने की कोई संभावना नहीं है. न्यायमूर्ति बीआर गवई ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी की कि विधायक या एमएलसी होने के नाते व्यक्ति सही और गलत के बारे में जानता है, वह असुरक्षित नहीं होता.
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कविता के खिलाफ फोन बदलने के आरोपों को फर्जी बताया क्योंकि लोग कार भी बदलते हैं. वह तत्कालीन मुख्यमंत्री की बेटी भी हैं, रोहतगी ने कहा. जांच एजेंसी के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उसने फोन नष्ट कर दिया था और इसे फॉर्मेट कर दिया था. रोहतगी ने जवाब दिया और कहा कि उसने इसे अपने नौकर को दे दिया था. एएसजी राजू ने आश्चर्य व्यक्त किया क्योंकि यह उजागर हुआ कि यह एक आईफोन था एएसजी राजू ने कहा कि कोई व्यक्ति मैसेज डिलीट तो कर सकता है, लेकिन फोन को फॉर्मेट नहीं कर सकता. एएसजी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया कि एजेंसी के पास अन्य आरोपियों के साथ उसके संबंध को दिखाने के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) हैं. 1 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति मामले से संबंधित सीबीआई और ईडी मामलों में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया.