न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: कई तरह के बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों का खतरा बरसात के मौसम में रहता है. इसके साथ ही इस मौसम में मच्छरों से होने वाली बिमारी के मामले भी बढ़ जाते है. बता दें कि इन बिमारियों में डेंगू एक खतरनाक डिजीज है. डेंगू कुछ मामलों में मौत का कारण भी बनता है. कई इलाकों में बारिश के दौरान पानी भर जाता है. इससे डेंगू के मच्छर पनपते है. वहीं कुछ मरीजों में डेंगू की वजह से ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या लगातार कम होती रहती है. इस वजह से मरीज की हालत भी गंभीर हो सकती है. इसके साथ ही बच्चों में भी इसके मामले देखे जाते है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू एक वायरल बुखार है. यह डेंगू वायरस के की वजह से होता है. किसी व्यक्ति को जब एडिस मच्छर काट लेता है तो यह वायरस इंसान में फैल जाता है. मानसून में डेंगू के मच्छर पनपने के कारण इस मौसम में अधिक केस सामने आते है. बरसात के मौसम में पुराने टायर, कूलर और ठहरे हुए पानी में डेंगू के मच्छरों की ब्रीडिंग होती है. यही कारण है कि आमतौर पर डेंगू के मामले मानसून के मौसम में बढ़ जाते है. इसलिए इस मौसम में अपनी स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही इस मौसम में बच्चों को लेकर खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए.
क्या हैं लक्षण
डॉक्टर्स का कहना है कि बुखार बच्चों में डेंगू के सबसे आम लक्षणों में शामिल है. यह एक सप्ताह तक रह सकता है. बच्चों में बुखार अचानक आता है. वहीं मांसपेशियों और सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है. इसके साथ ही कुछ बच्चों को मसूड़ों या नाक से खून आना भी डेंगू का एक गंभीर लक्षण है, जो चिंता का कारण हैं. वहीं स्किन पर दाने निलकते है. बच्चों में डेंगू के ये लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते है. वहीं अगर ये लक्षण दिखाई देते है तो फौरन बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाहिए.
ऐसे करें बचाव
बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं.
बारिश के मौसम में बच्चों को बाहर न भेजें.
मच्छर मारने की दवा का इस्तेमाल करें.
आस-पास पानी जमा न होने दें.
खिड़की-दरवाजे बंद रखें.
मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम लगाएं.
Disclaimer : यह आलेख एक्सपर्ट्स की राय के आधार पर लिखी गई है. इस संबंध में उचित सलाहकार से सलाह जरुर लें.