न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: एचइसी प्रबंधन ने आवंटित क्वार्टरों को सरेंडर करने की प्रक्रिया को एक बार फिर से प्रारंभ कर दिया है, जो पिछले कई महीनों से स्थगित थी. जिन कर्मचारियों ने एचइसी से इस्तीफा देकर अन्य कंपनियों में नौकरी ग्रहण की या जिन्होंने अपने मकान बना लिए हैं, उनके क्वार्टर सरेंडर करने की प्रक्रिया में आवेदन देने के बावजूद प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. इसके परिणामस्वरूप, उन्हें प्रबंधन द्वारा निर्धारित मार्केट रेट पर किराया चुकाना पड़ रहा था, जो कि सामान्य दर से दो से तीन गुना अधिक है. प्रक्रिया के फिर से आरंभ होने के बाद, पिछले दो दिनों में 30 से अधिक व्यक्तियों ने अपने क्वार्टर सरेंडर कर दिए हैं.
हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव ने प्रबंधन के निर्णय का स्वागत किया हैं. उन्होंने बताया कि एचइसी के आवासों की स्थिति लगातार deteriorate हो रही है. रखरखाव की कमी के कारण क्वार्टर जर्जर होते जा रहे हैं, और जिन आवासों का प्रबंधन आवंटन करता है, उनमें रहने वाले कर्मियों को भारी खर्च उठाना पड़ता है. इस स्थिति के चलते कर्मी आवास लेने से हिचकिचा रहे हैं.
इसके अलावा, सात सौ से अधिक क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है, और इस बारे में न तो प्रशासन को और न ही प्रबंधन को कोई जानकारी है. यदि प्रबंधन खाली पड़े आवासों को दीर्घकालिक लीज पर आवंटित करे, तो एचइसी को करोड़ों रुपये की आय हो सकती है.