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रांची/डेस्क: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के द्वारा बालू उठाव पर लगी रोक 15 अक्तूबर को ख़त्म हो जाएगी. वहीं रोक हटते ही राज्य के विभिन्न जिलों में 50 से अधिक नदी घाटों से बालू उठाव होने की उम्मीद है. इससे काफी हद तक बालू की किल्लत दूर होने की संभावना है. बता दें कि झारखंड राज्य खनिज निगम लिमिटेड (Jharkhand State Mineral Corporation Limited) के द्वारा वर्तमान में श्रेणी 2 के कुल 444 में से केवल 21 नदी घाटों से बालू का उठाव किया जा रहा है. यह स्थिति 10 जून तक थी.
10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू के उठाव पर थी रोक
एनजीटी (NGT) की रोक लगते ही बालू घाटों की संख्या बढ़ाने की दिशा में अन्य घाटों के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस (Environmental Clearance), कंसर्ट टू ऑपरेट (Concerto to operetta) और कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट (Consent to Establishment) लेने की प्रक्रिया शुरू हुई. वर्तमान में 30 नदी बालू घाटों के संचालन का ईसी (EC) मिल चुका है. अब विभिन्न तिथियों में कंसर्ट टू ऑपरेट (CTO) और कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट (CTE) के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) के पास आवेदन दिया गया है. उम्मीद है कि आगामी 12 अक्टूबर तक सीटीओ और सीटीई मिल जाए. जिसके बाद 16 अक्टूबर से इन 30 घाटों से बालू का उठाव शुरू हो जाएगा. आपको बता दें कि, मानसून (Monsoon) को देखते हुए एनजीटी द्वारा हर वर्ष 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगा दी जाती है.