बसंत कुमार साहू/न्यूज़ 11 भारत
सरायकेला/डेस्क: लगातार तीन दिनों से बारिश होने के कारण चांडिल डैम में जलस्तर 183.20मीटर हो गया है. चांडिल स्वर्णरेखा परियोजना जलस्तर बढ़ने के कारण चांडिल डैम का 12गेट 1-1मीटर करके खोल दिया है. जिसमें 2800 क्यूमेक पानी निकासी हो रहा है. चांडिल डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण चांडिल डैम से विस्थापित 39गांवों में पानी घुस गया है.
ईचागढ़, पातकुम,लोपसोडीह, मैयसोड़ा, उदल, कालीचामदा,बाबुचामदा, आण्डा,दयापुर ,लावा, झापागोड़ा, काशीपुर आदि गांवों में पानी घुस गया है. सड़क पर 2-3फुट पानी बह रहा है. चांडिल डैम से गत 35-40साल से विस्थापित परिवार बरसात के मौसम में पानी से चारों तरफ घेरा हुआ रहता है. चांडिल डैम से 84मौजा प्रभावित हुए हैं.इस 84मौजा में 116गांव विस्थापित हुए हैं. 35-40साल से सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल आर एल 183 जिसमें 43गांव को ही विकास पुस्तिका अनुदान राशि भुगतान कर रहा है.बाकी 73 गांव का विकास पुस्तिका अनुदान राशि भुगतान एवं विकास पुस्तिका निर्गत नहीं हो रहा है. विस्थापितों के साथ स्वर्णरेखा परियोजना चांडिल नाइंसाफी कर रहा है. चांडिल डैम के विस्थापितों को नेता द्वारा वोट बैंक बना कर रखा है.
चांडिल डैम से विस्थापित हुए परिवार का समाधान नेता भी नहीं चाहता है.
चांडिल डैम में पानी भण्डारण कर कंपनी को जल सप्लाई सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल करता है.
कंपनी का बकाया जलकर करोड़ों में है.इसके बाद भी पानी सप्लाई हो रहा है. चांडिल डैम बिहार सरकार के समय 1978से बन रहा था जो 1985मेंडैमबन कर तैयार हो गया. चांडिल डैम से पूर्वी सिंहभूम, उड़िसा एवं पं0बंगाल के किसानों को सिंचाई के लिए पानी देना था एवं 8 मेगावाट बिजली उत्पादन होना था.
लेकिन ठाक के तीन पात कहानी में चरितार्थ हो गया है चांडिल डैम. अरोबो रुपया खर्च हो जाने पर भी चांडिल डैम से किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा है. ईचागढ़ विधायक सबिता महतो एवं ईचागढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी किकु महतो प्रभावित गांवों का भ्रमण कर रहा है एवं ऊंचे स्थान पर विस्थापितों को शरण दे रहा है.
सुवर्ण रेखा परियोजना चांडिल बांध प्रमंडल के सहायक अभियंता ने बताया कि पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है.