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रांची/डेस्क: ईडी द्वारा जारी छठे समन पर कमलेश आखिरकार ईडी के समक्ष पेश हो गया है. कमलेश से ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं कि किन जमीनों के दस्तावेजों में हेराफेरी कर बेशकीमती जमीनों के इस्तेमाल से मनि लांड्रिंग की गयी है. सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या कमलेश अब ईडी के समक्ष पुलिस हाउसिंग कॉलोनी के राज और राजदारों का नाम उगल देगा. जिस जमीन पर काम करने के बाद कमलेश ने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया है वह जमीन दरअसल पुलिस हाउसिंग कॉलोनी के नाम से विकसित की गयी थी और चर्चा यह भी तेज है कि इस जमीन पर कई बड़े अधिकारियों और सफेदपोशों के रुपयों की मनि लांड्रिंग की गयी है. चामा गांव का ही एक दूसरा भूमाफिया विक्की जायसवाल भी है जो फिलहाल जिलाबदर है लेकिन वापसी के बाद फिर से कारोबार में सक्रिय होने की तैयारी में है और अपने गुर्गों से जमीन पर कब्जा करवा रहा है.
चामा की जमीन पर लगा था GS CONS. का था बोर्ड-
चामा की जिस जमीन को लेकर कमलेश पर ईडी का शिकंजा कसा है उसपर जब काम शुरु हुआ था तब पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के साथ साथ जीएस कंस्ट्रक्शन का बोर्ड भी पुलिस के बोर्ड के ठीक बगल में लगाया गया था. उस वक्त वहां टीओपी भी खोला गया साथ ही रास्ता निकालने में हुए विवाद को सुलझाने में उस वक्त तमाम बैठक स्थानीय थाना में किया जाता था. अभी इस मामले में केवल कमलेश पर शिकंजा कसा है लेकिन जीएस कंस्ट्रक्शन के संचालक गुंजन सिंह, कमलेश के राजदार उमेश समेत पुलिस हाउसिंग कॉलोनी में कौड़ियों के मोल जमीन खरीद मनि लांड्रिंग करने वाले कई अधिकारी भी पूछताछ के दायरे में आ सकते हैं.
21 जून को ईडी की टीम ने कमलेश के फ्लैट में की थी छापेमारी-
ईडी की टीम ने फरजी दस्तावेजों के आधार पर जमीन के कारोबार में मनि लांड्रिंग की जांच में शेखर कुशवाहा समेत कई लोगों को पहले राउंड में गिरफ्तार किया. इनसे पूछताछ के बाद कमलेश को समन किए गए लेकिन जब वह उपस्थित नहीं हुआ तब मामले में 21 जून को ईडी की टीम ने कमलेश के फ्लैट में छापेमारी की जिसमें 1 करोड़ कैश और 100 गोलियां बरामद हुई थी. इस मामले में कांके थाना में भी केस दर्ज किया गया था.
विक्की जायसवाल और कमलेश पर ग्रामीणों ने लगाये कई गंभीर आरोप-
कमलेश से जुड़े मामलों में जांच के लिए जब ईडी की टीम चामा गांव पहुंची तब स्थानीय लोगों ने कमलेश और एक अन्य जमीन कारोबारी विक्की जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए. इन दोनों पर हथियार के बल पर जबरन जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया साथ ही कमलेश और विक्की दोनों ने चामा गांव की जमीन पर कब्जा कर लंबी लंबी चारदीवारी बना डाली है. गांव के लोग जब अपनी जमीन पर जाना चाहते हैं तब उनके साथ मारपीट होती है साथ ही कौड़ियों में रुपया देने की बात कही जाती है. विक्की जायसवाल और कमलेश दोनों ने पूरे कांके इलाके को अपने कब्जे में ले रखा है.
अंचालाधिकारी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध-
ईडी ने कांके अंचल कार्यालय में जाकर भी चामा गांव की जमीन के दस्तावेजों की जांच की जिसमें कांके अंचालाधिकारी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध पायी गयी है. कांके अंचलाधिकारी जय कुमार राम के नजदीकी संबंध विक्की जायसवाल और कमलेश दोनों के साथ बताए जा रहे हैं. जानकारियों के अनुसार कांके सीओ के लिए पतरातू का एक युवक जो उरीमारी के समीप रहता है वही कमलेश और विक्की के साथ बातचीत कर रुपयों की लेनदेन करता रहा है. कांके अंचल से ईडी ने कई अहम दस्तावेज जब्त किए साथ ही ईडी ने कांके के सीओ और सीआई के मोबाइल की जांच भी की. बाद में ईडी की टीम एनआईसी कार्यालय भी गयी जहां से इस पूरे रैकेट के लिए जमीन के दस्तावेजों में आनलाइन छेड़छाड़ किए जाते रहे हैं.