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रांची/डेस्क: आज धरती आबा बिरसा मुंडा जंयती व झारखंड स्थापना दिवस है. झारखंड राज्य के गठन के उपलक्ष्य में हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है. आदिवासी समाज में बिरसा मुंडा को भगवान के रूप में माना जाता है. यह दिन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के साथ मेल खाता है. उन्हें 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश भारत के शासन के खिलाफ उनकी सक्रियता के लिए याद किया जाता है. झारखंड अभ्रक, बॉक्साइट, कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर और डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधनों से समृद्ध है. यह एकमात्र राज्य है जो यूरेनियम, कोकिंग कोयला और पाइराइट का उत्पादन करता है. विभाजन से पहले झारखंड बिहार के दक्षिणी हिस्से का हिस्सा था. इस राज्य के आदिवासी स्वतंत्रता आंदोलन से पहले एक अलग राज्य की कामना करते थे.
बिहार से अलग राज्य बनने के पीछे की कहानी
साल 2000 में इसी दिन बिहार से अलग करके झारखंड राज्य बनाया गया था. अलग राज्य बनने के पीछे की कहानी की बात करें साल 1939 में भारतीय टीम के कप्तान पर गौर करें. तो 1939 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा ने पहली बार तत्कालीन बिहार के दक्षिणी जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाने का विचार रखा था. यह विचार 2 अगस्त 2000 में साकार हुआ, जब संसद में झारखंड को अलग राज्य का दर्जा देने का बिल पास हुआ और 2000 में ही 15 नवंबर को झारखंड भारत का 28वां राज्य बनाया गया.
बता दें, छोटा नागपुर के रांची स्थित खूंटी के उलिहातू गांव में सुगना मुंडा के घर में 15 नवंबर 1875 में बिरसा मुंडा का जन्म हुआ. ब्रिटिश से संघर्ष के दौरान 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर में बिरसा की गिरफ्तारी हुई. 9 जून 1900 को रांची के कारागार में जीवन के 25वां वसंत देखे बिना ही बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली. संयोगवश इस घटना के शताब्दी बाद झारखंड राज्य स्थापित हुआ. बताते चले कि राज्य के निर्माण होने के वक्त झारखंड में 18 जिले थे. कुछ जिलों को पुनर्गठित करके 6 नए जिले अब 24 जिले बनाया गया था.
भारत के सर्वाधिक औद्योगिक स्थानों में झारखंड
झारखंड के औद्योगिक स्थान जमशेदपुर, रांची, बोकारो और धनबाद का स्थान भारत के सर्वाधिक औद्योगिक स्थानों में शामिल हैं. भारत का पहला और विश्व का पांचवा सबसे बड़ा इस्पात कारखाना टाटा स्टील जमशेदपुर में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत 100 भारतीय शहरों में से एक स्मार्ट सिटी लिए रांची का चयन किया है. रांची संपूर्ण देश से सड़क और रेल मार्ग द्वारा काफी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रांची का शान है.
कई जातियां और जन जातियां का राज्य है झारखंड
झारखंड में कई जातियां और जन जातियां हैं. झारखंड क्षेत्र विभिन्न भाषाओं, संस्कृति और धर्मों का संगम क्षेत्र कहा जा सकता है. द्रविड़, आर्य एवं ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएं यहां बोली जाती हैं. यहां हिंदी, नागपुरी, खोरठा पंचपरगनिया, कुरमाली की प्रमुख भाषाएं हैं. इसके अलावा यहां कुडुख, संथाली, मुंडारी, हो बोली जाती है. झारखंड में बसने वाले स्थानीय आर्य भाषी लोगों को सादान कहा जाता है. जनजातीय प्रदेश होने के बावजूद यहां कई नामी सरकारी व निजी कॉलेज हैं, जो उच्च स्तर की शिक्षा देने के लिए विख्यात है.