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रांची/डेस्क: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा की गई छापेमारी में सोना और कैश का बड़ा भंडार मिला था, इसके बाद से प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी एक्शन में आ गई है. ED ने परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर के खिलाफ ECIR दर्ज किया है. बता दें कि, पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई छापेमारी में अब तक करीब 300 किलो सोना-चांदी, 10 करोड़ से अधिक कैश बरामद हो चुका है. वहीं, एक डायरी भी मिली है, जिसमें करीब 100 करोड़ रुपए की हेराफेरी का हिसाब-किताब दर्ज है.
मुख्य आरोपी गिरफ्त से बाहर
लोकायुक्त द्वारा सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. अब केन्द्रीय जांच एजेंसी ED भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इस मामले की जांच करने जा रही है. जानकारी हो कि, मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा अबतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. चर्चा है कि उसने दुबई में पनाह ले रखी है. सौरभ शर्मा ने एक साल पहले ही कांस्टेबल की नौकरी से वीआरएस लिया था. उसकी अकूत संपत्ति देख लोकयुक्त, इनकम टैक्स डिपार्ट्मेंट व सभी हानच एजेंसी हैरान है.
गुरुवार सुबह सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. अब तक बरामदगी का सिलसिला जारी है. बता दें कि गुरुवार रात ही भोपाल के एक सुनसान इलाके से एक लावारिस इनोवा कार में से 52 किलो सोना और 9.86 कैश बरामद हुआ था. कार से एक डायरी भी बरामद की गई है जिसमें करीब 100 करोड़ के लेनदेन का ब्योरा दर्ज है. बरामद गाड़ी चेतन सिंह गौर के नाम पर रेजिस्टर्ड है. सौरभ और चेतन दोनों ग्वालियर के रहने वाले हैं और कारोबारी दोस्त हैं. फिलहाल ये साफ नहीं हो पाया है कि क्या सभी बरामद संपत्ति के मालिक सौरभ हैं ? या कुछ और लोग भी इस काले धन के मालिक हैं. वहीं, परिवहन विभाग के कुछ बड़े अधिकारी और नेताओं के भी तार इस मामले से जुड़ सकते हैं.