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रांची/डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. आम आदमी पार्टी पिछले 10 साल से दिल्ली में सत्तारूढ़ है. चुनाव 5 फरवरी को होने वाले है. लेकिन चुनाव से ठीक 4 दिन पहले यानी शनिवार 1 फरवरी 2025 को आम आदमी परी के कई विधायकों ने इस्तीफा देकर पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. इन सभी विधायकों ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और बैजयंत जय पांडा के मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा. ऐसे में दिल्ली की सियासी बाजार आग की तरह गर्म हो चुकी है.
किन-किन विधायकों ने थामा भाजपा का दामन?
आम आदमी पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल जोने वाले विधायकों में महरौली से नरेश यादव, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया, पालम से भावना गौर, बिजवासन से बीएस जून, जनकपुरी राजेश ऋषि, मादीपुर से गिरीश सोनी और आदर्श नगर से पवन शर्मा शामिल है.
क्यों थामा भाजपा का दामन?
आपको बता दे कि शुक्रवार 31 जनवरी को आम आदमी पार्टी को झटका देते हुए कुल 8 विधायकों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया था. इसके बाद यह सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए. मिली जानकारी के अनुसार, इन सभी विधायकों ने इसलिए पार्टी छोड़ा, क्योंकि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया जा रहा था. ऐसे में कुछ विधायकों ने अपना इस्तीफा मीडिया में साझा किया. वहीं कुछ ने कहा कि वह भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी छोड़ रहे है.
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी ने इस्तीफा देने वाले विधायकों की आलोचना की है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने एक सर्वे करवाया था. इसमें पाया गया था कि यह सभी लोग अपने क्षेत्रों में जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहते थे. इस कारण से उन्हें इस बार के चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था. ऐसे में यह लोग टिकट नहीं मिलने के कारण दूसरी पार्टी में शामिल हो गए. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.